चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों में बाढ़ आ गई थी, जिससे क्षेत्र में दो बिजली परियोजनाओं के साथ-साथ आसपास के घर भी नष्ट हो गए थे। उस दौरान उत्तर प्रदेश के कई लोग एनटीपीसी की तपोवन विष्णुगढ़ हाइड्रो बिजली परियोजना और ऋषि गंगा बिजली परियोजना में काम कर रहे थे। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट अरुण कुमार सिंह ने कहा हाल ही में, हमें जोशीमठ के अधिकारियों से एक पत्र मिला जिसमें कहा गया था कि उन्हें पता चला है कि लखीमपुर खीरी के 29 लोग अचानक आई बाढ़ में लापता हैं। पत्र के आधार पर, एक जांच की गई। जांच के तहत जिला प्रशासन के अधिकारियों ने लापता लोगों के बारे में कुछ जानकारी हासिल करने की उम्मीद में उनके परिजनों से मुलाकात की।
अरुण कुमार सिंह ने कहा कि हमने समाचार पत्रों के माध्यम से भी लापता लोगों को ढूंढने की कोशिश की है। 30 दिनों के बाद भी कोई जानकारी नहीं मिली। ऐसे में निघासन के उप-मंडल मजिस्ट्रेट ओम प्रकाश ने एक रिपोर्ट तैयार की थी। जोशीमठ अधिकारियों को रिपोर्ट के साथ पत्र के माध्यम से बताया कि 29 लापता व्यक्तियों में से किसी के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि चमोली प्रशासन ने 29 लोगों के बारे में जानकारी इसलिए मांगी क्योंकि वह लापता शिकायतों की कार्यवाही में तेजी लाना चाहते थे। उनके परिवार के सदस्यों को अब तक दोनों सरकारों में से किसी से भी कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है।