जिलाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि प्रथम चरण में (30 अप्रैल 2020 तक) जिले में 20623 प्रवासी कामगार अपने गृह जनपद खीरी में वापस आये और प्रशासन ने अपनी देखरेख में प्रवासी कामगारों की क्वारंटाइन अवधि पूर्ण कराई। खाद्यान्न किट देकर उन्हें विदा किया गया। इसके बाद द्वितीय चरण (अर्थात 01 मई 2020 से अबतक) कुल 32547 प्रवासी कामगारों ने अपनी जिले में प्रवेश किया, प्रशासन ने जिला मुख्यालय पर बनाएं गये 12 ट्राजिंट प्वाइंट/स्क्रीनिंग होम्स पर इनकी सद्यन मेडिकल स्क्रीनिंग कराई एवं असिम्टोमैटिक प्रवासी कामगारों से खाद्यान्ट किट प्रदान कर बसों के माध्यम से होम क्वारंटाइन में भेजा।
तय रणनीति के मुताबिक द्वितीय चरण में जिले में आए प्रवासी कामगारों जिन्हें होम क्वारेंटाइन में भेजा गया, उन पर नजर रखने के लिए जिले में शहरी क्षेत्रों में 182 एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 1167 गठित निगरानी समितियों का गठन हुआ। गठित समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में होम क्वारंटाइन प्रवासी कामगारों पर नजर रखकर निर्धारित प्रोटोकाल पालन करवा रही है। यही नही इन निगरानी समितियों के सही तरह से अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है।
इसके लिए भी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बुद्धप्रिय सिंह के नेतृत्व में जिला स्तर एवं विकास खण्ड स्तरों पर अधिकारियों की नजर रखकर पर्यवेक्षण किया जा रहा है। इसी के साथ डीएम ने सभी पर निगाह रखने के लिए तीसरी आंख के रूप में पर्यवेक्षण के लिए कलेक्ट्रेट कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी। कलेक्ट्रेट कर्मी फोन से फील्ड में कार्य कर रही निगरानी समितियों की क्रियाशीलता पर अपनी रिपोर्ट प्रतिदिन जिलाधिकारी को सौपते है।
डीएम ने बताया कि जिले में अबतक 41152 प्रवासी कामगारों के परिवारोें को खाद्यान्न किट वितरित की गई, वही शासन से प्राप्त निर्देशों के क्रम में प्रवासी कामगारों को आर्थिक मदद एक हजार रूपया भेजने के लिए उनके बैक खातों की जानकारी जुटाई जा रही है और इसकी फीडिंग प्रतिदिन ‘‘प्रवासी राहत मित्र’’ ऐप पर फीड की जा रही हैं। इस प्रक्रिया के पूर्ण होते ही प्रवासी कामगारों के खातों में एक हजार रूपया की आर्थिक मदद भेजी जाएगी।