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भारी बारिश से उफनाई शारदा व घाघरा नदियों ने बरपाया कहर

locationलखीमपुर खेरीPublished: Aug 03, 2020 11:04:01 am

Submitted by:

Mahendra Pratap

-धौरहरा क्षेत्र में बाढ़ पीड़ितों की स्थिति दयनीय-ओझापुरवा में अभी तक नहीं पहुंची मदद-सरकारी स्कूल में धारा बहने से कामकाज ठप

भारी बारिश से उफनाई शारदा व घाघरा नदियों ने बरपाया कहर

भारी बारिश से उफनाई शारदा व घाघरा नदियों ने बरपाया कहर

लखीमपुर खीरी. पहाड़ों पर हुई बरसात के बाद उफनाई शारदा व घाघरा नदियों ने तहसील धौरहरा में भी कहर बरपा दिया है। लोग सुरक्षित स्थान तलाशने को मजबूर है। बनबसा बांध से छोड़े गये लाखों क्यूसेक पानी ने तहसील धौरहरा में तबाही मचा दी है। स्थिति ये है जहां सैकड़ों एकड़ खड़ी फसल जलमग्न हो गई है। वहीं हजारों आशियानों में पानी भर जाने के कारण लोग सड़क पर आ गए है। जिसके चलते कुछ गांवों में तहसील प्रशासन द्वारा अभी तक बाढ़ पीड़ितों को कोई सहायता प्रदान नहीं की गई है। जबकि इस बार लोग विगत सात वर्ष पहले शारदा नदी द्वारा मचाई गई तबाही को सोचकर घबरा रहे है।
जानकारी के अनुसार, तहसील धौरहरा में शारदा व घाघरा नदियों ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। तहसील क्षेत्र के तमाम गांव बाढ़ की चपेट में आकर सड़क पर आ गए है। जिसमें तहसील धौरहरा क्षेत्र के गांव रैनी समदहा में जहां शारदा तबाही मचाये हुए है। वहीं ओझापुरवा, कैरातीपुरवा, चकदहा समेत दर्जनों गांवों में घाघरा का पानी घुस गया। चकदहा गांव को जाने वाले मुख्य संपर्क मार्ग पर ही करीब चार फुट पानी चल रहा है, जिससे वहां फंसे लोगों को तहसील प्रशासन द्वारा मोटरबोट से सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया गया। वहीं बीते बुधवार से ओझापुरवा में स्थिति ये है कि समूचे गांव में लोगों के घरों में लगभग दो फुट पानी भर गया है व गांव के बाहर बने प्राथमिक विद्यालय में धारा बह निकलने से कामकाज ठप हो गया है।
पिछले बुधवार को दोपहर से अचानक नदी का जलस्तर बढ़ने से हुए जलभराव से घरों में रखी मिट्टी के डहरियों के फटने से उसमें भरा अनाज पानी में बहकर नष्ट हो गया। जिससे कुछ लोगों को भोजन के भी लाले पड़ने लगे है। गांव में अभी तक तहसील से कोई सहायता न मिल पाने के कारण घरों में भरे पानी में ही किसी तरह लोगों को मजबूरन गुजर बसर करनी पड़ रही है। वहीं जिनके घर पक्के बने है वह छतों पर रहने को मजबूर है। यही स्थिति रैनी समदहा व आस पास के गांवों की है जहां लोग गांव से निकलकर इधर-उधर रहने को मजबूर है।
कुछ लोगों का मानना है कि इसी तरह हालात बने रहे तो आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जायेगा। लोग महीनों तक सड़क पर रहने को मजबूर हो जायेंगें। इधर ओझापुरवा में बाढ़ पीड़ितों को अभी तक प्रशासन द्वारा कोई मदद नहीं मिली है, न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी अभी तक मौके पर पहुंच सके है। जिससे लोगों में मायूसी छाई हुई है।
इस बाबत जब क्षेत्रीय लेखपाल शशांक शेखर शुक्ला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ओझापुरवा में ग्राम प्रधान से पीड़ितों की लिस्ट मंगा ली गई है। जैसे ही ऊपर से सहायता मिलेगी, वैसे ही गांव में बटवा दी जाएगी। वहीं गांव के बाढ़ पीड़ित राकेश यादव ने बताया कि ग्राम प्रधान ने गुपचुप तरीके से मनमाफिक लेखपाल को लिस्ट दी होगी। लिस्ट कब बनी किसने बनाई इसकी जानकारी हम गांव के लोगों नहीं दी गई है।
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