लखीमपुर खेरी

भारत-नेपाल सीमा विवाद बनेगा बड़ा बखेड़ा, सीमा से पिलर्स गायब

भारत-नेपाल की 62.9 किमी लंबी सीमा पर हाई अलर्ट

लखीमपुर खेरीJun 15, 2020 / 06:17 pm

Mahendra Pratap

भारत-नेपाल सीमा विवाद बनेगा बड़ा बखेड़ा, सीमा से पिलर्स गायब

लखीमपुर खीरी. नेपाल संसद के अपने देश के नए नक्‍शे पास करने के बाद नेपाल और भारत देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। भारत और नेपाल की सेनाओं के बीच संगीनें सीमा रेखा पर तन गई हैं। सीमा पर अतिरिक्त अलर्ट जारी हो गया है। इस बीच सीमा पर पांच खंभे गायब नजर आए और नेपाल के पांच नए बॉर्डर आउटपोस्ट पर नेपाली जवान सीमा की सुरक्षा करते दिखे। एसएसबी ने अपना विरोध दर्ज कराते हुए इस नई घटनाक्रम की जानकारी डीएम लखीमपुर खीरी और गृह मंत्रालय को पहुंचा दी। साथ ही भारत—नेपाल सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी है। लखीमपुर खीरी में एसएसबी भारत नेपाल सीमा की 62.9 किमी लम्बी सीमा की निगरानी करता है।
विवाद की मूल वजह :- लैंडलॉक देश नेपाल और भारत के बीच क़रीब 1880 किलोमीटर सीमा खुली हुई है। दोनों देशों ने 98 फ़ीसदी सीमा को कवर करने वाले नक़्शे को अंतिम रूप दिया है, लेकिन पश्चिमी नेपाल में लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा वो क्षेत्र हैं जिन पर तनाव जारी है। नेपाली अधिकारियों का कहना है कि ये तीनों क्षेत्र कुल 370 वर्ग किलोमीटर के दायरे में हैं। लिपुलेख पास भारतीय राज्य उत्तराखंड को चीन के तिब्बत क्षेत्र से जोड़ता है। इस पर दोनों देशों के बीच विवाद है। भारत ने साफ कर दिया है कि वह अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।
भारत की पांच खंभे गायब :- उत्तर प्रदेश से सटे भारत नेपाल सीमा की सरहदबंदी के लिए खड़े किए गए पांच खंभे गायब हो गए हैं। खंभे हटाने के बाद नेपाल ने सीमा पर पांच नई चौकियां भी बना ली हैं। एसएसबी की 39वीं बटालियन कमांडेंट मुन्ना सिंह ने खीरी के डीएम शैलेंद्र सिंह को लेटर लिखकर भारत-नेपाल सीमा पर गायब हुए पिलर्स और अतिक्रमण के बारे में जानकारी दी। खीरी जिले की सीमा नेपाल के कंचनपुर और कैलाली जिलों से लगती है। बिहार में हुई फायरिंग की घटना के बाद से सभी आउटपोस्ट को हाई अलर्ट कर दिया गया है।
पिलर्स की संख्या की जानकारी से इनकार :- बॉर्डर पर गायब पिलर्स के बारे में एसएसबी कमांडेंट मुन्ना सिंह ने कहा, ‘गोपनीय मामला होने की वजह से हम गायब हुए पिलर्स की संख्या के बारे में जानकारी नहीं दे सकते हैं। अतिक्रमण भौगोलिक कारणों से हो सकता है। नेपाल के लेखपालों ने नो मेन्स लैंड में लोगों को जमीन अलॉट किया है। कुछ केसों में तो बॉर्डर के पार भी जमीनें दी गई हैं।’ उन्होंने बताया, ‘इसकी वजह कुछ प्रशासकीय गलतियां भी हो सकती हैं। इसलिए हमने डीएम को जानकारी दे दी है, जिससे वे नेपाल के अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले को हल कर लें।’ नेपाल ने सीमा पर उन जगहों पर नए आउटपोस्ट बनाए हैं, जहां नेपाल के सशस्त्र प्रहरी बल के जवानों की पोस्टिंग है।
कई जिलों की सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी :- नेपाल से लगी सीमा पर पिछले कई दिनों से सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया गया है। खुफिया तंत्र को भी सक्रिय कर दिया गया है। खासकर नेपाल से लगे सभी जिलों महाराजगंज, गोरखपुर, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर व पीलीभीत समेत अन्य में पुलिस को सीमा के आसपास मुस्तैदी बरतने को कहा गया है। वहीं लखीमपुर के डीएम ने नोमेंन लैंड के विवादित स्थलों पर नेपाली नागरिकों के कब्जा जमाने को लेकर शासन व भारत सरकार को पत्र भी लिखा है।
मुख्यमंत्री योगी ने समझाया :- मुख्यमंत्री योगी ने 13 जून को नेपाल के साथ भारत के सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते का हवाला दिया और कहा कि भारत और नेपाल भले ही दो देश हों लेकिन यह एक ही आत्मा हैं। दोनों देशों के बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक रिश्ते हैं, जो सीमाओं के बंधन से तय नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि नेपाल की सरकार को हमारे रिश्तों के आधार पर ही कोई फैसला करना चाहिए। अगर वह नहीं चेता तो उसे तिब्बत का हश्र याद रखना चाहिए।
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