लखीमपुर खेरी

जिले के गलियारों में चुनाव चर्चा और जनसम्पर्क हुआ तेज

इसी क्रम में प्रत्याशी अपनी चाल, चैपाल और जनसंपर्क कर माहौल अपने पक्ष में करने को दिन-रात एक किए हुए हैं।

लखीमपुर खेरीOct 24, 2017 / 01:30 pm

आकांक्षा सिंह

लखीमपुर-खीरी. भले ही निकाय चुनाव अभी अधिसूचना जारी करने में बिलंब कर रहा हो लेकिन लेकिन चुनाव मैदान में अध्यक्ष पद की ताल ठोकन वाले लोगों ने अपनी शतरंजी की बिसातों बिछाना शुरू कर दी है। इसी क्रम में प्रत्याशी अपनी चाल, चैपाल और जनसंपर्क कर माहौल अपने पक्ष में करने को दिन-रात एक किए हुए हैं। दावेदारी और मजबूत करने के लिए सम्भावित प्रत्याशी निवर्तमान प्रत्याशी की बखिया उधेड़ने में जुटे हैं।

 

गली-खंड़जा से लेकर नगर के तमाम मोहल्लों में काम कराए जा चुके हैं अब नए बन रहे गोला देहात के मकानों और उनकी गलियों समस्याओं पर ध्यान केंद्रित कर उन्हें झूठा साबित करने का प्रयास किया जा रहा है। हर किसी की नजर पूर्व पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी अग्रवाल को येन-केन-प्रकारेण गिराने में लगी है, अध्यक्ष पद की दावेदारी की होड़ में राजनीतिक पार्टियों ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। हां कभी-कभी सरकारी बयान जरूर आ रहे हैं जिनसे कई प्रत्याशियों के मुंह में कसैला स्वाद जरूर नजर आने लगा है। सत्तारूढ़ पार्टी पर नजर डाले तो पूर्व से जिला भाजपा के मंत्री विजय शुक्ला रिंकू भी अपनी किस्मत आजमाने को बैठे हैं लेकिन उन्हें भी यह पद अभी दूर की कौड़ी ही नजर आ रही है।

 

भाजपा के ही काफी पुराने सहयोगी रहे विजय कुमार माहेश्वरी सच मायने में जहां जरूरत है उसे नहीं दूसरे कामों में ज्यादा मशगूल है जिससे उन्हें अब खुद अपने पर ही विश्वास नहीं तो भला जनता का दिल कैसे जीतेंगे, प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। तीसरे प्रत्याशी के रूप में गोला विधायक के कुनबे के ही धर्मेंद्र गिरि मोंटी जिन्हें टिकट मिलने के बाद ही दावेदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। फिलहाल योगी के हंटर की फटकार की गूंज में तो धराशाही होती नजर आ रहे है। अब अगर अन्य को ले, तो उनमें प्रबल दावेदारी प्रस्तुत करने वाले दावेदारों में वर्षो की मेहनत का फल मानने वाले शिव गोपाल गुप्ता की नाव भी मझधार के हिचकोले खाने के बाद संभल जाएंगे, यह आने वाला वक्त बताएगा।

 

लोग कहते हैं कि कांटा कांटे से निकाला जा सकता है, इस फार्मूले पर चुनाव की वैतरणी पार करने को अभी तक सभी पार्टियों की गणेश परिक्रमा में समय गंवा चुके अशोक अग्रवाल निश्चित ही अच्छा परिणाम दे सकते हैं, बशर्ते उनका मैनेजमेंट कैसा होगा। यह आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेसियांे ने मुस्लिम प्रत्याशी को हवा भरकर तैयार तो करा लिया गया, लेकिन व्यवहार किसी से छिपा नहीं है। हाल में जिला पंचायत का भी चुनाव लड़कर ताकत व्यर्थ गंवा चुके हैं। गिरि समाज के अन्य प्रत्याशी गौरव गिरि के दावे भले ही मजबूत हो, लेकिन दूरगामी परिणाम ही दर्शाते नजर आ रहे हैं।

 

वैसे एक अन्य महिला प्रत्याशी काफी समय से अपना सिक्का उछालती नजर तो आ रही है किंतु उन के भाग्य में न हेड न टेल नजर आ रहा है। क्योंकि उनका सिक्का खड़ा ही गिर रहा है। अब निर्वतमान पालिका अध्यक्ष की बात करें तो उन्होंने पिछले पांच वर्षों से लगातार स्कूली बच्चों और धार्मिक कार्य में खुद को समर्पित किए हुए हैं। स्वच्छता, साफ-सफाई, पर्यावरणीय, सुंदर गोला का सपना निकट भविष्य में पालिका को समर्पित करने का वादा करने वाली श्रीमती अग्रवाल ने 15 साल बनाम पांच साल का सपना जीवंत कर विकास को गति दे चुकी है। फिर भी ऊंट किस करवट बैठेगा, यह आने वाला समय ही बता सकेगा।

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