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हटाए गए लखीमपुर खीरी के एसपी विजय ढुल, संजीव सुमन को मिली जिम्मेदारी

locationलखीमपुर खेरीPublished: Nov 12, 2021 12:55:38 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

Lakhimpur Kheri SP Vijay Dhul removed Sanjeev Suman got responsibility- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में एसपी विजय ढुल को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह संजीव सुमन नए एसपी होंगे। विजय ढुल का तबादला लखनऊ हेड क्वार्टर कर दिया गया है।

Lakhimpur Kheri SP Vijay Dhul removed Sanjeev Suman got responsibility

Lakhimpur Kheri SP Vijay Dhul removed Sanjeev Suman got responsibility

लखीमपुर खीरी. Lakhimpur Kheri SP Vijay Dhul removed Sanjeev Suman got responsibility. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में एसपी विजय ढुल को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह संजीव सुमन नए एसपी होंगे। विजय ढुल का तबादला लखनऊ हेड क्वार्टर कर दिया गया है। लखीमपुर खीरी के नए पुलिस अधीक्षक संजीव सुमन लखनऊ कमिश्नरेट में तैनात थे। वहीं, आईपीएस अमित कुमार आनंद को मुरादाबाद से लखनऊ भेजा गया है। इनका ट्रांसफर लखनऊ कमिश्नरेट में हुआ है। इससे पहले 28 अक्टूबर को खीरी जिले से डीएम अरविंद चौरसिया को हटा दिया गया था। उनकी जगह महेंद्र बहादुर सिंह को भेजा गया है।
क्या है मामला

तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों का एक समूह यूपी प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। दोनों मंत्री एक दंगल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने आए थे। प्रदर्शन मार्च कर रहे किसानों पर तेज रफ्तार गाड़ियां चढ़ा दी गईं। हादसे में चार किसानों की कुचल कर दबने से मौत हो गई। जबकि हिंसा में एक स्थानीय पत्रकार की भी मौत हो गई। किसानों का आरोप है कि प्रदर्शनकारी किसानों पर गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा ने गाड़ी चढ़ाई थी। इस मामले में अब तक केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष उर्फ मोनू समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
तीन कानूनों का विरोध कर रहे थे किसान

किसान संगठन नए कृषि कानून ‘कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून, 2020’, ‘कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून, 2020’ और ‘आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून’ को वापस लेने की मांग को लेकर पिछले साल नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में कानूनों को अमल में लाने पर रोक लगा दी थी।

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