हालांकि चैकी इंचार्ज का कहना है कि वह एक माह से छुटटी पर हैं। वहीं भीरा एसओ द्वारा उक्त लकड़ी को नंबर एक का बताते हुए तीन माह पूर्व काटा गया रवन्ना वन विभाग को दिखाया गया है। फिलहाल डीएफओ ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
जानकारी के अनुसार रविवार की सुबह मुखबिर की सूचना पर वन विभाग की भीरा रेंज अफसर द्वारा खंड विकास कार्यालय परिसर में स्थित बिजुआ चैकी इंचार्ज के निवास पर अचानक छापा मारा गया। छापामार कार्रवाई में उनके निवास से भारी मात्रा में बेशकीमती सागौन की लकड़ी बरामद हुई। मौके पर तीन मिस्त्री भी कार्य करते पाए गए, जो उस लकड़ी का चिरानकर डबल बेड बना रहे थे। छापा पड़ते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और बिजुआ चैकी पर मौजूद पुलिस स्टाफ वहां से रफूचक्कर हो गया। वहीं जब चैकी इंचार्ज मनोज कुमार से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह एक माह की छुटटी पर अपने घर आए हुए हैं। जब वह घर गए हुए हैं, तो आखिरकार उनका निवास कैसे खुला था और उसमें इतनी भारी मात्रा में लकड़ी व मिस्त्री कहां से आए। इस पर वह कोई जवाब नहीं दे सके। वहीं भीरा एसओ द्वारा तीन माह पूर्व जारी एक रवन्ना वन विभाग के अधिकारियों के समक्ष पेश किया गया, जिसकी जांच चल रही है।
मामले की जांट चल रही है डीएफओ दक्षिण अनिल पटेल ने बताया कि पकड़ी गई लकड़ी को रेंज आफिस ले जाया गया है। जहां पूरे मामले की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने जो कागज प्रस्तुत किया है, उसकी भी जांच हो रही है कि आखिर यह लकड़ी कहां पर चली गई और कहां से कट कर आई थी। उन्होंने पूरे मामले पर जांच के बाद ही कोई कार्रवाई किए जाने की बात कही है। वहीं लोगों का मानना है कि घटना के सामने आने के बाद अब मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।