साथ ही घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि मरने वाले गैंडे का नाम भीम है। जिसकी आयु करीब 15 वर्ष थी। उसकी मौत ककरहा एरिया में ही दूसरे गेंडे से हुए संघर्ष में लगी चोटों की वजह से हुई है। भीमा पिछले कई दिनों से चोट लगने की वजह से काफी परेशान था। डिप्टी डायरेक्टर महावीर कॉजलागि ने बताया कि भीमा के पोस्टमार्टम के लिये टीम गठित कर दी गई है। उसी जगह पर भीमा का पोस्टमार्टम होगा। जहां भीमा की मौत हुई थी।
शनिवार को डाक्टरों की टीम ने घटना स्थल पर पहुंच कर भीमा का पिस्टमार्टम किया। इस दौरान वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी व ग्रामीण एकत्र रहे। गैंडे भीमा की मौत से जहां गैंडो की संख्या में कमी आई है। वही इस दौरान वन्यजीव प्रेमियों में भी मायूसी देखी गयी है।
राइनो एरिया में हाथी पर सवार होकर होते हैं गैंडे के दीदार
दुधवा नेशनल पार्क में हाथी पर सवार होकर राईनो एरिया में गैंडे के दीदार करने के लिए प्रतिदिन सैलानी पहुंचते थे। लेकिन आज भीमा की मौत के बाद राइनो एरिया में सैलानियों की चहल कदमी भी नहीं हुई। साथी वन जीव प्रेमियों में भी मायूसी छाई रही।