scriptबाढ़ का खौफनाक मंजर, बेघर हुए कई लोग, अब अपने ही हाथों तोड़ रहे घर | many left homeless due to heavy rain and waterlogging | Patrika News
लखीमपुर खेरी

बाढ़ का खौफनाक मंजर, बेघर हुए कई लोग, अब अपने ही हाथों तोड़ रहे घर

गांवों में हजारों की आबादी के घरों को नदी ने अपनी आगोश में ले लिया है

लखीमपुर खेरीSep 07, 2018 / 07:33 pm

Mahendra Pratap

lakhimpur news

बाढ़ का खौफनाक मंजर, बेघर हुए कई लोग, शासन और प्रशासन से नहीं मिली मदद

लखीमपुर खीरी. जिले के फूलबेहड़, ईसानगर और धौरहरा क्षेत्र में कई ऐसे गांव है जहां हर बार नदियों की विनाशलीला लोगों को बर्बाद कर देती हैं। इन गांवों में हजारों की आबादी के घरों को नदी ने अपनी आगोश में ले लिया है और अब वह लोग अपने घरों को तोड़ कर खुद किसी सुरक्षित स्थानों पर जाने को मजबूर है।
बाढ़ से विनाश होते घर

बाढ़ से घरों के बाहर पानी तो भर ही जाता है साथ ही कई जर्जर मकान भी गिर जाते हैं। अपनी मेहनत की कमाई से दो वक्त की रोटी खाने वाले गरीब लोगों पर तब क्या गुजरती होगी जब नदी काटने उनका उनके घरों के साथ सपनों को भी बाह ले जाती है।
दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग हुए बेघर

ईशानगर विकासखंड के सरैया, हटवा, हुलासपुरवा, झबरा, भदईपुरवा सहित कई गांव में रहने वाले लोग कुछ ऐसे ही दर्द से गुजर रहे है। इन लोगों के घर के पीछे एक दशक के अंदर घाघरा नदी कटान में बह गए हैं। इसी प्रकार फूलबेहड़ क्षेत्र में तीन साल पहले शिवपुरी गांव का नदी में नामोनिशान ही मिटा दिया था। वहां के करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव के लोग अपने घरों से बेघर हो गये थे। कुछ ने अपने घरों को अपने हाथों हथोड़ा से तोड़ कर अपने परिवार को और समान को लेकर सुरक्षित स्थान पर निकल गये।
शासन और प्रशासन ने नहीं दी घर मुहैया कराने की जगह

ऐसा पहली बार नहीं है जब इस तरह की घटना हुई हो। हर बार कोई न कोई इलाका बाढ़ से प्रभावित होता है। इस तरह के परेशानियों के लिए आज तक शासन और प्रशासन ने उन्हें घर बनाने की कोई जगह मुहैया नहीं कराई। पिछले साल फिर नदी में बेडहा, सुतिया को अपना निशाना बनाया। जिसमे भी दो दर्जन से अधिक घर नदी में बह गए।

Home / Lakhimpur Kheri / बाढ़ का खौफनाक मंजर, बेघर हुए कई लोग, अब अपने ही हाथों तोड़ रहे घर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो