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नगर पालिका चुनाव-2017, आरक्षण आने के बाद बढ़ी चुनावी सरगर्मी

locationलखीमपुर खेरीPublished: Oct 13, 2017 01:31:37 pm

Submitted by:

Mahendra Pratap

उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा द्वारा 300 प्लस का लक्ष्य पार करते हुए यूपी में अब निकाय चुनाव की भी लगभग पूर्ण तैयारी की जा चुकी है।

Municipal Elections-2017 Increased election enthusiast in Lakhimpur up

लखीमपुर-खीरी. उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में भाजपा द्वारा 300 प्लस का लक्ष्य पार करते हुए यूपी में प्रचंड बहुमत बनने के बाद अब निकाय चुनाव की भी लगभग तैयारी पूर्ण हो चुकी है। अध्यक्ष वार्ड मेम्बरों के बाद अब चेयरमेन आरक्षण की भी अधिसूचना जारी हो चुकी है। वहीं मेम्बरों के आरक्षण की तरह अध्यक्ष पद के आरक्षण ने भी काफी समय से अपनी दावेदारी करने वाले प्रत्याशियों की नींद उड़ गई है।

दावा करने वाले हुए पीछे

बताते चले कि यूपी में निकाय चुनाव की तैयारियां जोर शोर से चल रही है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक चुनाव को लेकर गंभीरता से जुटा हुआ है। वहीं चुनावी मैदान में अपना लक आजमाने वालों की कतारें तो बहुत लंबी है। मगर मेम्बरों के आरक्षण की लिस्ट जारी होने के बाद अध्यक्ष पद के आरक्षण आने के बाद जहां एक तरफ प्रत्याशियों की रातों की नींद भी गायब हो गई है। वही काफी हद तक भीड़ भी छट गई है। क्यों कि इस बार चेयरमेन पद के लिये सामान्य महिला सीट घोषित होने के बाद उसमें तो चुनाव के मैदान में दावा करने वाले सबसे पीछे हो गए है।

कम वोटों से चुनाव हारी थीं उमा कटियार

फिलहाल लगभग जिले की चार नगर पालिकाओं और छः नगर पंचायतो में जो सीटें पिछले कई पंच-वर्षियों से सामान्य थीं। उनमें परिवर्तन कर दिया गया है। फिलहाल लखीमपुर नगरपालिका की सीट महिला सामान्य होने के बाद सपा समर्पित प्रत्याशी उमा कटियार काफी मजबूत उभर कर आई हैं। उनके सामने निवर्तमान चेयरमेन डॉ इरा श्रीवास्तव चुनाव मैदान में होगीं। लेकिन जैसा कि इस समय जनता का रुझान है। उस हिसाब से सपा की उमा कटियार काफी हद तक मजबूत है। डॉ उमा कटियार इससे पहले भी नगरपालिका का चुनाव लड़ चुकी हैं। और बहुत ही कम वोटों से चुनाव हारी थीं। डॉ उमा कटियार के शहर में साफ सुथरी छवि होने के कारण भी लोग उन्हें बेहतर प्रत्याशी के रूप में स्वीकार कर सकते हैं। साथ ही पिछली बार बहुत ही कम मतों से हारने वाली उमा कटियार इस बार भारी मतों से जीत हासिल कर सकती हैं।

पूर्व प्रत्याशियों की उम्मीदों पर फिरा पानी

फिलहाल सालों से चुनाव की आस में क्षेत्र की धूल छान रहे लोगों की महिला सीट हो जाने के बाद उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया है। लेकिन वे सभी अभी भी इस फिराक में है कि शायद कोई मौका मिल जाए। इसके लिए वे मंत्री-विधायको की चौखटों पर अपनी आमद दर्ज कराने में भी लग गए हैं। वैसे तो अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की लिस्ट तो बहुत ही लंबी थी। एक से एक धुरंदर चुनाव मैदान में अपनी-अपनी ताल ठोक रहे थे। लेकिन आरक्षण आने के बाद अब टिकट को लेकर भी काफी खीचा तानी भी मचनी तय है। वहीं हर वह शख्स जो अध्यक्ष पद का दावा कर रहे हैं। वह अपने को सबसे मजबूत प्रदर्शित करने का प्रयास कर रहा है।

अब चुनाव आयोग द्वारा गहन अध्ययन के बाद आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के बाद वहीं सालों से अपनी चुनावी पिच को तैयार कर रहे थे। खिलाड़ियों के चहरे पर कहीं न कहीं मायूसी भी देखने को मिल रही थी। फिलहाल आरक्षण जारी होने के बाद प्रत्याशियों का खेल पूर्ण रूप से बिगड़ ही चुका है। अब देखना यह है कि अध्यक्ष पद के प्रत्याशियों की बिछाई गई बिसज कहां तक सार्थक होती है।

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