सोशल मीडिया पर प्रत्याशियों की चहलकदमी
उप जिला निर्वाचन अधिकारी उमेश कुमार पांडे ने मीडिया सेल को सोशल मीडिया पर प्रचार करने वालों प्रत्याशी पर शिकंजा कसने के सख्त निर्देश दिया है। आपको बता दें कि सभी 10 नगर पालिका और नगर पंचायतो में अध्यक्ष पद के लिए 75 प्रत्याशी चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इसके अलावा वार्ड सदस्यों (सभासद)के लिए सैकड़ों प्रत्याशी चुनाव मैदान ताल ठोक रहे हैं। अचार संहिता जारी होने के बाद से प्रत्याशियों के बैनर पोस्टर को सार्वजनिक स्थलों से जिला प्रशासन द्वारा हटवा दिया गया था। इसके बाद अभी दो दिन पूर्व ही निकाय चुनाव में इन प्रत्याशियों को प्रतीक चिन्ह अथवा चुनाव चिन्ह दिया गया है। प्रतीक चिन्ह मिलने के बाद प्रत्येक ने अब अपने जो बैलेट छपाया था। अभी तक वोटरों को वही बाट रहे थे। लेकिन चुनाव चिन्ह मिलने के बाद प्रत्याशी जनसंपर्क के दौरान अपनी प्रतीक चिन्ह के बारे में मुख्य रूप से वोटरों को भी बता रहे हैं। लेकिन इन सबसे ज्यादा प्रत्याशी प्रतीक चिन्ह और प्रत्याशियों के जनसंपर्क का प्रचार प्रसार सोशल मीडिया पर हो रहा है। फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर प्रत्याशियों अपनी दिनचर्या बता कर भी समर्थन जुटाने का प्रयास कर रहा है। यही नहीं रोज सुबह शाम किये गए जनसंपर्क की भी तस्वीरों को खुद जारी कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर पंजीकृत राजनीतिक पार्टियों से कहीं ज्यादा निर्दलीय सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। राजनीतिक दलों के प्रतीक चिन्ह को कमोबेश सभी मतदाता जानते हैं। लेकिन प्रत्याशी के निर्दलीय प्रत्याशी के प्रतीक चिन्ह के बारे में मतदाताओं को कभी पता है। इस लिये चुनाव प्रचार के लिए प्रत्याशी के पास अब सिर्फ 12 दिन का समय ही बचा है। इस बचे समय मे ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिये सारे ब्रमस्थ इस्तेमाल कर रहा है।
लेकिन अब प्रत्याशियों की यह सोशल मीडिया वाली थॉरि ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाली है। उपजिलाधिकारी उमेश कुमार पांडे ने आचार संहिता के दौरान साइबर एक्सपर्ट समेत तमाम इंतजाम करवाया। इसी के साथ सोशल मीडिया के दुरुपयोग करने वाले प्रत्याशी पर कड़ी कार्रवाई किये जाने का आदेश भी जारी किया है।