अभी नदियों का जलस्तर सामान्य डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बाढ़ पीड़ितों को बांटी जाने वाली राहत सामग्री की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी होने की भी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बाढ़ ग्रस्त इलाके पलिया, निघासन, तिकुनिया, ईसानगर, धौरहरा क्षेत्र के इलाकों में 41 बाढ़ चौकियां बनाने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ खंड के अधिकारियों को तटबंध के निरीक्षण कर कमियों को दूर करने के भी आदेश दिए गये हैं। हालांकि अभी नदियों का जलस्तर सामान्य है।
एनडीआरएफ की टीम भी मुस्तैद डीएम के मुताबिक एहतियातन एनडीआरएफ की टीम ने भी जिले में डेरा डाल दिया है। जिले में बाढ़ के समय होने वाली घटनाओं से निपटने के लिए एनडीआरएफ की 40 सदस्यों की टीम को थाना सिंगाही क्षेत्र के नौरंगाबाद आईटीआई कॉलेज में ठहराया गया है। यह टीम जिले में कहीं भी बाढ़ के उत्पन्न आपातकालीन स्थिति से लोगों को राहत पहुंचाएगी।
बाढ़ से बचाव की तैयारियां पूरी एनडीआरएफ टीम के कमांडर एमबी सिंह ने बताया कि पूरे जिले के हालात की समीक्षा की जा रही है। जिससे बाढ़ के समय में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निपटने के लिए तैयारी पूरी की जा सके। एनडीआरएफ की टीम तमाम संसाधनों से लैस है। जिससे बचाव कार्य आसानी से किये जा सकते हैं। किसी भी प्रकार के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए टीम पूरे जिले में कहीं भी भेजी जा सकती है। वहीं डीएम शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि जिले में अभी बाढ़ के हालात नहीं है। फिर भी बाढ़ से बचाव के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एनडीआरएफ की टीम आ गई है, कंट्रोल रूम खुल गया है। जो 24 घंटे सक्रिय है। इसके अलावा 40 बाढ़ चौकियां 21 बाढ़ राहत केंद्र बनाए गए हैं।