दी जा रही तारीख पर तारीख आप को बताते चलें कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार के न होने से इसके न्यायालयों और राजस्व वादों के मुकदमों में सिर्फ तारीख पर तारीख ही दी जा रही है। जिसके चलते लोग परेशान हैं। इतना ही नहीं जिले के बड़े अफसर भी इस ओर कोई
ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिले की धौरहरा तहसील करीब 3 महीने से बिना तहसीलदार के ही चल रहे हैं। तहसीलदार की कुर्सी खाली पड़ी होने के कारण पूरा कामकाज प्रभावित हो रहा है। तहसीलदार के कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई बंद है। यह सिर्फ तारीख पर तारीख की दी जा रही है।
अब तक नहीं हुई तहसीलदार की नियुक्ति धौरहरा में तहसीलदार रहे ओंकारनाथ वर्मा करीब 4 महीने पहले रिटायर हो गए थे। उनके स्थान पर पलिया तहसील से आए तहसीलदार आर डी निषाद ने ज्वाइन किया। ज्वाइन करने के कुछ दिन बाद वह 23 दिन की छुट्टी पर चले गए। छुट्टी से वापस आने पर दो-तीन दिन ही यहां रहे और काम-काज किया। इसी बीच शासन से फरमान आया कि रामदेव निषाद को मुख्यमंत्री सचिवालय से संबंध कर दिया गया है। यह आदेश आने के बाद डीएम ने उन्हें तुरंत रिलीव कर दिया। इनके बाद यहां किसी भी तहसीलदार की अब तक नियुक्ति नहीं की गई।
9 साल से खाली है नायब धौरहरा की कुर्सी धौरहरा तहसील में नायब तहसीलदार के दो पद हैं। एक धौरहरा और दूसरा फिरोजाबाद। नायब तहसीलदार रहे शंभू दयाल का तबादला अक्टूबर 2009 में हो गया था। उनके जाने के बाद करीब 9 साल से नायब तहसीलदार की कुर्सी खाली चल रही है। इससे प्रशासनिक व न्यायिक
कार्य नहीं हो पा रहे हैं। एक मात्र नायब तहसीलदार फिरोजाबाद के सहारे तहसील का काम काज चल रहा है, जनता परेशान है। इसके अलावा यहां एसडीएम न्यायलय में फौजदारी बाबू और अहलमद जैसे महत्वपूर्ण करीब 4 साल से चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि यहां पर प्राइवेट लोगों को लगाकर काम काज चल रहा है। इसी तरह यहां नाजिर की कुर्सी भी खाली पड़ी है। एक मात्र राज किरन श्रीवास्तव की तैनाती है। जो एक साथ तीन सीटे माल बाबू, नायब नाजिर,व वासिल बाकी नवीस देख रहे है।