निघासन-पलिया मार्ग पर स्वास्थ्य महकमे द्वारा कस्बा बम्हनपुर में उपकेंद्र का निर्माण कराया गया था। निकट के ग्रामों की गर्भवती महिलाओं को प्रसव कराने तथा टीकाकरण कराने के लिए निघासन न जाना पड़े, लेकिन इस उपकेन्द्र से क्षेत्र की महिलाओं को सुविधा के बजाय असुविधाओं से गुजरना पड़ता है। इतना ही नहीं इस उपकेंद्र में रात्रि में होने वाले प्रसव मोमबत्ती के उजाले में कराए जाते हैं। बताया जाता है कि इस उपकेंद्र पर बिजली की व्यवस्था न होने के कारण मरीजों को इस अव्यवस्था से जूझना पड़ता है। नजर डाली जाए तो बम्हनपुर स्थित उपकेंद्र पर स्वच्छता का कोई असर नहीं पड़ता है। चारो तरफ गंदगी का अम्बार लगा रहता है। जिस कारण स्वस्थ लोग यहां आकर मरीज बन जाते है।
सबसे खास बात तो यह है कि उपकेंद्र बनने के बाद से अभी तक इसकी रंगाई-पुताई तक नहीं की गई, जबकि स्वास्थ्य महकमा द्वारा रंगाई-पुताई का पैसा भी दिया जाता है। इसके बावजूद भी उपकेंद्र की देखरेख नहीं की जाती है। ग्रामीण बताते है कि यहां पर तैनात एएनएम प्रतिदिन उपकेंद्र पर नहीं रुकती हैं। दिन में तो ताला लटकता रहता है। असुविधा के कारण यहां प्रसव कराने वाले ज्यादातर गर्भवती महिलाएं सीधे निघासन सीएचसी चली जाती है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यहां पर आने वाली महिला मरीज अगर रात्रि में आती हैं। तो उपकेन्द्र नहीं खोला जाता है चाहे मरीज कितना ही गंभीर क्यों न हो क्योंकि तैनात कर्मचारी का साफ कहना है कि रात्रि नौ बजे के बाद उपकेन्द्र नहीं खुलेगा। जिस करण महिला मरीज मजबूरन निघासन सीएचसी में जाना पड़ता है, जबकि स्वास्थ्य महकमे ने इस उम्मीद के साथ उपकेन्द्र का निर्माण कराया था कि बम्हनपुर सहित दौलतापुर, नौगंवा, सुरजीपुरवा, बौधियां, पृथीपुरवा, खैराहना, हुलासीपुरवा सहित दर्जनो गांवों की महिला मरीजों को सुविधा हो जाएगी, लेकिन लापरवाही के कारण महिला मरीजों को इस उपकेन्द्र से कोई लाभ मिलता नजर नहीं आ रहा है, जिससे ग्रामीणों मे रोष व्याप्त है।