आरोपी दरोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कोतवाली गेट पर धरना देकर हंगामा काटने लगे। इस बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता भी कोतवाली आए। मामला गरमाता देख पुलिस कर्मियों ने एसपी को अवगत कराया। एसपी के आश्वासन पर भाजपाई कार्रवाई न होने पर बड़ा आंदोलन करने की चेतावनी देकर चले गए। हालांकि समाचार लिखे जाने तक न तो मामले में कोई एफआईआर दर्ज हुई है और न ही आरोपी दरोगा के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में लाई गई है।
ट्रैफिक में हुआ झगड़ा शहर से सटे लालपुर कस्बे में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज में अखिल भारतीय विद्या परिषद का चार दिवसीय कार्यक्रम चल रहा था। कार्यक्रम में कुछ सामान कम पड़ गए, जिसे लेने के लिए एबीवीपी के जिला सह संयोजक शिवांश तिवारी शहर में आए थे। ओवर ब्रिज पर जाम लगा होने के कारण वह अपनी बाइक को किसी तरह भीड़ से निकालते हुए आगे बढ़े। इस बीच कोतवाली में तैनात दरोगा दुर्गेश गंगवार ने उन्हें रोक लिया और पुलिसिया भाषा का प्रयोग करने लगे। जब शिवांश ने इसका विरोध किया, तो दरोगा ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। यही नहीं उसे धक्का देकर किसी तरह खदेड़ दिया।
भाजपा नेता ने किया धरना प्रदर्शन शिवांश ने भीड़ से बाहर आकर इसकी जानकारी एबीवीपी पदाधिकारियों को दी। इस पर संगठन मंत्री आयुष्मान, जिला संयोजक अपूरन मिश्रा, अटल शुक्ला, अंकुर शुक्ला, सहित विनोद गुप्ता व उमाशंकर कोतवाली पहुंच गए। जानकारी मिलते ही भाजपा नेता अनूप शुक्ला, सुनील सिंह, शरद मिश्र सहित भाजयुमो कार्यकर्ता भी आ गए। सभी ने कोतवाली गेट पर धरना दे दिया। सभी हंगामा काटने लगे। सीओ सिटी व कोतवाल ने कार्यकर्ताओं से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास किया लेकिन कार्यकर्ता दरोगा पर कार्रवाई की मांग को लेकर डटे रहे। तब मामला एसपी के संज्ञान में लाया गया। पुलिस अधीक्षक राम लाल वर्मा ने भाजपा नेताओं को जांच कर कार्रवाई का निर्देश दिए जाने का आश्वासन दिया। आश्वासन मिलने के बाद भाजपा नेता कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी देकर हट गए।
पीड़ित जिला सह संयोजक शिवांश तिवारी ने कहा कि जाम के बीच रोकने पर दरोगा ने उसके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया। भीड़ के सामने उसके सम्मान को ठेस पहुंचाया। अपमान जब बर्दास्त से बाहर हुआ तब मैंने विरोध किया। यह बात दरोगा को नागवार गुजरी और उसने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद धक्का देकर आगे खदेड़ दिया। वहीं आरोपी दरोगा दुर्गेश गंगवार ने कहा कि जाम अधिक थी और शिवांश जल्द से निकलने के चक्कर में दूसरी तरफ से निकलने की कोशिश कर रहा था। उसे समझाने की कोशिश की तो वह सत्ता की धौंस दिखाने लगा। इसलिए उसके साथ सख्ती करनी पड़ी। इस संंबंध में जब एसपी रामलाल वर्मा से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। यदि अभद्रता का मामला सामने आया तो दरोगा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
पीड़ित जिला सह संयोजक शिवांश तिवारी ने कहा कि जाम के बीच रोकने पर दरोगा ने उसके साथ अपशब्दों का प्रयोग किया। भीड़ के सामने उसके सम्मान को ठेस पहुंचाया। अपमान जब बर्दास्त से बाहर हुआ तब मैंने विरोध किया। यह बात दरोगा को नागवार गुजरी और उसने थप्पड़ मार दिया। इसके बाद धक्का देकर आगे खदेड़ दिया। वहीं आरोपी दरोगा दुर्गेश गंगवार ने कहा कि जाम अधिक थी और शिवांश जल्द से निकलने के चक्कर में दूसरी तरफ से निकलने की कोशिश कर रहा था। उसे समझाने की कोशिश की तो वह सत्ता की धौंस दिखाने लगा। इसलिए उसके साथ सख्ती करनी पड़ी। इस संंबंध में जब एसपी रामलाल वर्मा से बात की गई तो, उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी। यदि अभद्रता का मामला सामने आया तो दरोगा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
कोतवाली में भी डंडे लेकर खदेडऩे का प्रयास संगठन मंत्री आयुष्मान ने बताया कि पता चलने पर वह पहले कुछ साथियों को लेकर कोतवाली पहुंचे और कार्रवाई की मांग की। इस बीच आरोपी दरोगा दुर्गेश गंगवार भी वहां आ गया। वह देखते ही भड़क उठा। कार्यालय से जाकर लाठी निकाल लाया और उन्हें खदेडऩे के लिए लाठियां जमीन पर पटकने लगा। लेकिन उसकी इस धौंस से न तो हम लोग डरे और न ही भागे। उन्होंने पीडि़त कार्यकर्ता को न्याय दिलाने तक संघर्ष करने का ऐलान किया।