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फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिये खिलाई जायेंगी टेबलेट, दी ट्रेनिंग

locationलखीमपुर खेरीPublished: Nov 06, 2019 09:48:47 am

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पसगवां में अधीक्षक डॉ. गौरव खन्ना द्वारा सुपरवाइजर और आशा संगिनी वर्करो की फाइलेरिया की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया।
 
 

फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिये खिलाई जायेंगी टेबलेट, दी ट्रेनिंग

फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिये खिलाई जायेंगी टेबलेट, दी ट्रेनिंग

लखीमपुर-खीरी. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पसगवां में अधीक्षक डॉ. गौरव खन्ना द्वारा सुपरवाइजर और आशा संगिनी वर्करो की फाइलेरिया की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। डॉ. गौरव खन्ना ने बताया कि शासन के आदेशों के क्रम में इस बार 25 नवंबर से 10 दिसम्बर तक राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग और फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राष्ट्रीय फाइलेरिया कार्यक्रम, एमडीए/आईडीए चलेगा। इस बार सरकार द्वारा तीन दवायें खिलाई जाएगी। अभी तक एल्बेंडाजोल और दीईसी/डाई इथाइल कारवामांजीन सिर्फ दो दवाये खिलाई जाती थी। इस बार तीसरी दबा इवेरमएक्टिन भी दी जाएगी। ये दवाये दो साल से नीचे के बच्चों और गर्भवती महिलाओं को, और गंभीर रोग से पीड़ित लोगों को नहीं खिलाई जाएगी। ये दवा खाली पेट नहीं खानी है। बाकी सभी को ये दवाये कार्यक्रम के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ओर वर्कर द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। आशा इस बार डिपो के रुप में कार्य करेंगे। अधीक्षक डॉ. गौरव खन्ना ने बताया कि फाइलेरिया एककृमि परजीवी मच्छर वॉचेरिया बरोंचेफ्टिया ओर विशेष प्रकार के मच्छर क्यूलेक्स के काटने से होता है। ये बीमारी 18 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में फैली हुई है। इसके इलाज आॅपरेशन की सुविधा हर जिले हॉस्पिटल में है। इसके कारण हाँथो अंडकोषों पांव ओर स्तनों में सूजन आ जाती है। ह्यड्रोसील, पेशाब का सफेद होना, लंबे समय तक खाँसी इत्यादि इसके गम्भीर लक्षण है, बुखार भी रहता है। ये किसी भी उम्र में हो सकता है। हाथी पांव नाम से भी इस बीमारी को जाना जाता है। सरकार द्वारा प्रोफायलेक्टिक रूप में इसकी दवा हर वर्ष फाइलेरिया कार्यक्रम के दौरान गांव-गांव में खिलाई जाती है। इस वर्ष भी इस कार्यक्रम के दौरान एक नई दवा इवेरमएक्टिन कार्यक्रम के साथ साथ में खिलाई जाएगी। सरकार ने 2020 तक फाइलेरिया को खत्म करने की प्रतिज्ञा की है। पूरे ब्लॉक में नाईट ब्लड सर्वे फैमिली सर्वे आशाओ द्वारा शुरू कर दिया गया है। लाइन लिस्टिंग फाइलेरिया मरीजों की की जा रही है। समस्त आवस्यक दबाओ लॉजिस्टिक की पूरी तैयारी की जा रही है। मायक्रोप्लानिंग कि जा रही है। इसबार कार्यक्रम में आशा द्वारा प्रत्येक दिन 25 घरों पर करीब 125 लाभार्थियो को दवा खिलाई जाएगी, ये कार्यक्रम 10 दिन चलेगा। इसमें हफ्ते में चार दिन सोमवार, मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार ही सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कार्यक्रम चलेगा। छूटे हुए घरों के मॉप अप राउंड के बाद में तीन दिन चलेगा। सुपरविजन जिले स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाएगा। इस दवा के खाने से कुछ लोगों को सर दर्द, शरीर में दर्द, बुखार चक्कर आना, जलन पड़ना, मतली आना, उल्टी आना, पेट दर्द होना, शरीर मे चकत्तों का आना, खुजली के लक्षण आ सकते है जो स्वतः ही अपने आप सही हो जाते है। इस बावत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पसगवां में रेपिड रेसपोंस टीमों का भी गठन कर दिया गया है। ये इन घटनाओं पर नजर रखेगी और इन पर तुरंत एक्शन लेगी। ये संक्रमित बीमारी एक बार हो जाने पर पांच से 15 साल में खत्म होती है। इसलिए इसकी दवा अवश्य खाये। आज की इस ट्रेनिंग में मलेरिया इंस्पेक्टर रजा, फाइलेरिया इंस्पेक्टर अनस, स्वास्थ्य शिक्षाा अधिकारी वीरेंद्र शर्मा, यूनिसेफ के सलीम तथा सीजे सिंह समेत समस्त उपकेंद्रों की एएनएम और संगिनि उपस्थित रही।

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