जिला अस्पताल में भर्ती मुंशी मौर्या ने बताया कि करीब दो साल पहले मां ने अपने हिस्से की पांच बीघा जमीन उसके नाम बैनामा करा दिया था। इससे उसके भाई नाराज हो गए और विवाद करने लगे। इस पर उसने गांव के बाहर अपना घर बना लिया और पत्नी-बच्चों के साथ रह रहा है। कथित जमीन का अभी वह दाखिल खारिज नहीं करा सका है। मां के मरने के बाद दो महीने पहले भाइयों ने उसके खेत में खड़ी केले की फसल काट ली थी और खेत पर कब्जा कर लिया था। उसने मामले की तहरीर पुलिस को भी दी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि उस पर ही पुलिस जबरदस्ती सुलह-समझौते का दबाव बनाने लगी थी। बुधवार को उसके भाई राजेश, प्रताप मनोहर आदि ने उसकी हिस्से में लगी बांस की थनियां काट दी। इसको लेकर विवाद हुआ तो तीनों भाइयों में जान से मार देने की धमकी दी। इसकी सूचना भी उसने पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने अनसुनी कर दी। बृहस्पतिवार की शाम करीब साढ़े सात बजे वह गांव से अपने घर वापस पैदल जा रहा था। रास्ते में तीनों भाइयों ने बहनोई रामरत ने के साथ मिलकर उसे घेर लिया और तमंचे से गोली चला दी। गोली लगने से वह लहूलुहान होकर गिर गया। गांव में दहशत व्याप्त हो गई। चीखपुकार पर गांव के कई लोग और पत्नी मौके पर आई। पत्नी और रिश्तेदारों ने उसे लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां से डाक्टर ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया।