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लखीमपुर खेरी

यहां पैदा होते ही अपने बच्चों को मार देते हैं उनके पिता, इसलिए जन्म देने के लिए मां तलाशती है दूसरी जगह

जब एक पिता अपने बच्चों के पैदा होते ही उनके लिए काल बन जाए, तो उन्हें बचाने के लिए मां अपनी जान लड़ा देती है…

लखीमपुर खेरीNov 11, 2018 / 09:47 am

नितिन श्रीवास्तव

Tiger kill cubs after birth

यहां पैदा होते ही अपने बच्चों को मार देते हैं उनके पिता, इसलिए जन्म देने के लिए मां तलाशती है दूसरी जगह

लखीमपुर खीरी. जब एक पिता अपने बच्चों के पैदा होते ही उनके लिए काल बन जाए, तो उन्हें बचाने के लिए मां अपनी जान लड़ा देती है। यह बात इंसान और जानवर दोनों पर ही लागू होती है। कुछ ऐसा ही है बाघ और बाघिन के शावकों के साथ। दरअसल पिछले लगभग तीन महीनों से जिले के कई इलाकों में बाघिन देखने की खबरें आ रही हैं। चलतुआ के पास तो बाघिन को अपनी जान तक गंवानी पड़ी गई। बाघिन का शवाकों के साथ बाहर निकलना महज इत्तेफाक नहीं। ममता के कर्ज का तकाजा भी है। यहां उनके घर का झगड़ा है, जो जंगल से निकलकर खेतों में आ रहा है।
इसलिए जंगल से बाह आ जाती हैं बाघिन

महेशपुर के इलाके में बाघिन की चहलकदमी में उसके साथ शावक भी हैं। खेतो में कभी बाघ दिखते हैं तो कभी शावक। किशनपुर सेंचुरी से सटे गावों में भी बाघिन अपने शावक के साथ देखी गई और बाघिन अपने शावकों के साथ बकरियों को निवाला बना चुकी हैं। पिछले सप्ताह चलतुआ गांव में तो ग्रामीणों ने बाघिन को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था। इस घटना और बाघिन के शावकों के बाहर आने पर वन विभाग मंथन कर रहा है। वहीं जानकार बताते हैं कि बाघिन यू ही जंगल से बाहर नहीं निकलती, यह उनकी ममता का तकाजा है।
Tiger kill cubs after birth
 

शावकों के लिए बाघ ही बन जाते हैं खतरा

बफर जोन के डिप्टी डायरेक्टर अनिल कुमार पटेल का कहना है कि अक्सर बाघिन शावकों को जन्म देती हैं। तो बाघ ही शावकों के लिए खतरा बन जाते हैं और बाघ नर शावकों की जान ले लेते हैं। अभी 2 साल पहले किशनपुर के जंगल में एक शावक का शव मिला था। जिसे बाघ ने ही मार डाला था। इन हालातों में बाघिन अपने शावकों को जन्म देने के लिए सुरक्षित माहौल की तलाश में जंगल के बाहर आ जाती हैं।
सुरक्षित जगह तलाशती है बाघिन

रमेश कुमार पांडे ने बताया कि अक्सर देखा गया है कि जहां बाघिन है वहां शावक भी होते हैं। कई बार शावकों को जन्म देने के लिए अच्छी जगह की तलाश करती हैं। इस लिये बाघिन जंगल के बाहर निकल आती हैं। जिन क्षेत्र में उनकी मौजूदगी हो वहां निगरानी की जरूरत है।
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