बाघों का बढ़ा आतंक पिछले एक साल के अंदर जहां चार लोगों लोग बाघ के हमले का शिकार हो चुके हैं। वहीं करीब सात पालतू मवेशियों को भी बाघ ने हमला कर मौत के घाट उतार चुका है। शुक्रवार को माता देवी मंदिर के समीप बाघ दिखने की घटना को लोग अभी भुला नहीं पाए थे। कि शनिवार रात सुंदरपुर गांव से सटे जंगल के बाहर बाघ ने एक बछड़े पर हमला कर उसे मार डाला। रविवार की सुबह जब लोग खेतो की ओर निकले तो बछड़े के अधखाये धड़ को देखा तो ग्रामीणों के होश उड़ गये। आबादी की ओर बढ़ते बाघ के कदमों से इलाके में लोग दहशत में आ गए हैं। उन्होंने इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दे दी।
बढ़ाई गई बाघ की निगरानी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने बाघ के हमले से बछड़े की मौत होने की पुष्टि की है। इसके अलावा इस रेंज कि महेशपुर और देवीपुर बीट भी बाघ के लिए अति संवेदनशील है। करीब 2300 हेक्टेयर क्षेत्रफल में दोनों बिटो में फैले जंगल में 5 बाघ अपने कुनबे के साथ देखे जा रहे हैं। ये बात बाघों की लोकेशन जानने के लिए लगाए गए कैमरे में कैद हुई तस्वीरों से साबित हो चुकी है। डीएफओ साउथ खीरी समीर कुमार के अनुसार मोहम्मद रेज के देवीपुर बीट में बाघ के हमले में बछड़े की मौत की सूचना मिली है। बाघ की निगरानी बढ़ा दी गई है। फिर भी ग्रामीणों से अपील है। कि वे सतर्क रहें बना रहे। और खेतों में भी अकेले न जाये।
लोगों में बाघ का खौफ बाघ द्वारा बछड़े को मारे जाने के बाद ग्रामीणों के जहन में बाघ को लेकर खौफ इस कदर बैठ गया है कि शाम होते ही लोग अपने घरों में दुपक जाते है। इतना ही नही ग्रामीण दिन के उजाले में भी अपने खेतों को जाने से कतरा रहे है। फिलहाल डीएफओ के आश्वासन पर ग्रामीण कई लोगो के साथ लाठी-डंडों के साथ दिन में अपने खेत-खलिहानों के देखने जाते है।