लखीमपुर खेरीPublished: Feb 19, 2018 07:02:16 pm
Ashish Pandey
दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों से भटकी
लखीमपुर खीरी। दुधवा नेशनल पार्क के जंगलों से भटक कर आबादी वाले क्षेत्रों में कई दिनों से घूम रही बाघिन
शनिवार को सिंगाही घोसियाना के पास देखी गई थी। जो कि सोमवार को करीब दस किमी की दूरी तय करके निघासन के गोविंदपुर फार्म के पास पहुंच गई।बाघिन होने की जानकारी होते ही क्षेत्रीय वन विभाग टीम व पुलिस टीम ने मौके पर पहुँच कर उसकी निगरानी शुरू कर दी है। उधर गन्ने के खेत में उसके पंजों के निशान मिलने से क्षेत्र लोगो मे दहशत बनी गई है।
दस फरवरी को गजियापुर गांव में एक गाय का शिकार बनाया
दस फरवरी को गजियापुर गांव में एक गाय का शिकार बनाने के बाद वहां से तेरह फरवरी की रात सिंगाही इलाके के महदेवा टांडा में बाघिन को देखा गया। चौदह फरवरी को वह पड़ोस के नौरंगाबाद गांव जा पहुंची। वहां गन्ने के एक खेत में तीन दिन रुकने के बाद 16 फरवरी की शाम वनकर्मियों के जेसीबी मशीन से गन्ना गिराने पर वह वहां से रवाना हो गई। इसके बाद वह सत्रह फरवरी को दक्षिण निघासन रेंज के फरदहिया गांव के पश्चिम रामसगरा झील जा पहुंची। उसके पदचिन्हों के जरिए पीछे-पीछे चल रहे जंगल महकमे के अफसरों को सत्रह फरवरी की शाम बाघिन के घोसियाना गांव के पूरब सेंठे और मूंजों के झुरमुटों में मौजूद होने की खबर मिली। वहां भी उसने पड़ोस के गन्ने के खेत में पनाह ली।
रात भर छिपी रही गन्ने के खेत में
रात भर उसी खेत में रही बाघिन ने रविवार को पास के घास वाले मैदान में पड़ी गाय की लाश का हिस्सा खाकर अपना पेट भरा। सोमवार को वन विभाग के लोग उसकी तलाश में जुटे ही थे, तभी उसके लुधौरी गांव के गोविंदपुर फार्म के पास गन्ने के एक खेत में मौजूद होने की खबर मिली। गोविंदपुर फार्म के उत्तर रानी फार्म गुरुद्वारे के पास सोमवार शाम करीब चार बजे गांव का चरन सिंह नामक किसान अपना गन्ना देखने गया था। वहां उसको पड़ोस में जुते पड़े एक खेत में बाघिन के पैरों के निशान दिखे। इसके बाद उसने अपने गन्ने के खेत में बाघिन को देखा।
खबर पाकर जुटे ग्रामीण
उसकी खबर पर तमाम ग्रामीण वहां पहुंच गए। खबर पाकर वन क्षेत्राधिकारी पलटूराम वन दारोगा मनोज यादव, शिवबाबू सरोज, राकेश गुप्ता, वन रक्षक जगमोहन मिश्र और श्याम सिंह आदि को साथ लेकर वहां पहुंचे। कोतवाली इंचार्ज अजय यादव भी एसआई सुनील कुमार सिंह और सिपाही अंचित कुमार व सलामुल्ला खां के साथ मौके पर पहुुंचे। इन लोगों ने ग्रामीणों की भीड़ से शोर करके बाघिन को डिस्टर्ब न करने तथा उसको न छेड़ने की सलाह दी। वन क्षेत्राधिकारी पलटूराम ने बताया कि बाघिन जंगल से भटककर आ गई है। जिस तरह वह रोज अपना ठिकाना बदल रही है, उससे उम्मीद है कि जल्द ही वह जंगल तक पहुंच जाएगी। फिलहाल उसकी लगातार निगरानी की जा रही है।