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सालों बाद अब ट्रेन से करिये इस जिले की यात्रा, लेकिन यहां के लिए करना होगा अभी और इंतजार

locationलखीमपुर खेरीPublished: Nov 11, 2018 11:30:03 am

लगभग दो साल बीत जाने के बाद ऐशबाग-सीतापुर ब्राडगेज रेल प्रखंड के बीच ट्रेन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है…

Train starts for Sitapur and waiting for Lakhimpur Kheri

सालों बाद अब ट्रेन से करिये इस जिले की यात्रा, लेकिन यहां के लिए करना होगा अभी और इंतजार

लखीमपुर खीरी. ऐशबाग-मैलानी रेल प्रखंड पर अगले महीने ट्रेन चल सकती है। इस रेलखंड पर 24 और 25 नवंबर को निरीक्षण के बाद रेलवे को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। इसके बाद सीतापुर से मैलानी रूट को लेकर भी अटकलें बढ़ गई हैं। लेकिन यहां अब काम शुरू नहीं हो पाया है। माना जा रहा है कि सीतापुर से मैलानी तक ट्रेन का ट्रायल 2019 में ही हो सकेगा।
2016 में शुरू किया गया था काम

ऐशबाग-मैलानी रेल प्रखंड पर मीटर गेज की लाइन को हटाकर ब्राड गेज के आवाम-परिवर्तन का काम 2016 में शुरू किया गया था। इसमें पहले ऐशबाग से सीतापुर के बीच ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया। इसके बाद सीतापुर से मैलानी के बीच ट्रेनों का संचालन भी बंद कर दिया गया। सबसे बाद में मैलानी से पीलीभीत के बीच में ट्रेनों का संचालन बंद कर पटरी बदलने का काम शुरू किया गया।
शुरू होने जा रहा ट्रेन का ट्रायल

लगभग दो साल बीत जाने के बाद ऐशबाग-सीतापुर ब्राडगेज रेल प्रखंड के बीच ट्रेन का ट्रायल शुरू होने जा रहा है। पहले ट्रायल पर इस रूट पर डीएमयू ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ऐशबाग-सीतापुर के बीच ट्रायल होने के करीब 6 महीने के बाद सीतापुर-मैलानी के बीच ट्रेन का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल के बाद भी ट्रेन संचालन में अभी वक्त होगा।
900 करोड़ के बजट से हो रहा है काम

ऐशबाग से पीलीभीत रेल प्रखंड को आमान परिवर्तन कर ब्रॉडगेज करने के लिए 900 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया था। इसमें 289 किलोमीटर में रेल ट्रैक को बदलना था। ऐशबाग- सीतापुर के बीच आमान परिवर्तन के लिए 350 करोड़ रुपए दिए गए थे।
प्लेटफॉर्म पर हार्ड का काम भी अधूरा

सीतापुर- मैलानी के बीच हरगांव, लखीमपुर, गोला में हाई लेवल के अलावा बांकेगंज और फरधान मे लो लेवर प्लेट फॉर्म बनना है। इन कार्यो की गति धीमी होने से निर्माण काम रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा। इसी बीच बनाए गए 9 हार्ड स्टेशनों पर काम लगभग पूरा हो गया है। जिस रफ्तार से काम हो रहा है। उससे यह नहीं लगता। कि 31 दिसंबर 2018 तक काम पूरा हो पाएगा।
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