शासन भेजेगा बजट आपको बता दें कि जिले के विकास में जिला योजना का बहुत बड़ा रोल रहता है। सभी विभाग 1 साल के लिए अपनी कार्य योजना प्रस्तुत करते हैं। जिले के प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में इस कार्य योजना पर चर्चा होने के बाद जिला योजना शासन को भेजी जाती है। इसके बाद शासन से जिले की कार्य योजना के मुताबिक बजट भेजा जाता है। चालू वित्त वर्ष की जिला योजना पास होने के बाद इसे लागू हुए 8 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है। कुछ विभागों को अभी तक बजट न मिलने से कार्य योजना तैयार की गई थी, वह धरी की धरी रह गई। अब सरकार ने 2019-20 के विकास को लेकर चिंता जताई है। शासन ने 26 दिसंबर तक अगले वित्तीय वर्ष की योजना तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। शासन से आदेश मिलने के बाद डीएम ने जिला अर्थ एवं संख्या अधिकारी को निर्देश दिया है कि सभी विभागों की योजना लेकर एक साथ शासन को भेजें।
आचार संहिता का डर वैसे तो जिला योजना वित्तीय वर्ष के समापन के समय पास की जाती है, लेकिन इस बार दिसंबर महीने में ही इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इसके पीछे यह कारण माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव आचार संहिता का डर प्रदेश की योगी सरकार को सता रहा है। चुनाव की आचार संहिता लागू हो इसके पहले ही सरकार जिला योजना को मंजूरी देने की तैयारी में है। जिला योजना की मंजूरी मिलने के बाद आचार संहिता लागू होने पर भी विकास कार्य चलते रहेंगे। वहीं डीआरटीओ तिलक सिंह ने बताया कि शासन ने 26 दिसंबर तक जिला योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। जिला योजना से जुड़े सभी विभागों को पत्र जारी कर 20 दिसंबर तक हर हाल में कार्य योजना तैयार कर भेजने को कहा गया है। जिससे समय से कंपाइल कर शासन को भेजा जा सके।