किसान बेचते हैं गन्ना गुड बनाने वाले क्रेसर और कोल्हू शुरू से ही किसानों के खेवनहार रहे हैं। किसान अपनी जरुरत को पूरा करने के लिए क्रेसर और कोल्हुओं पर गन्ना बेच रहे हैं। क्रेशर पर गन्ने के दाम गुड़ के दामों पर निर्भर होते हैं। अगर गुड़ का दाम अच्छा है, तो गन्ने का मूल्य ज्यादा मिलता है। पहले जिले में गांव-गांव कोल्हू और 100 से अधिक क्रेसर संचालित होते थे। इनमें खांडसारी इकाई घट करीब 20 रह गई है।
नई खांडसारी नीति का दिखने लगा असर प्रदेश सरकार ने गुड़ इकाइयों को लाइसेंस मुक्त किया है। तो खांडसारी विभाग में जानकारी लेने गांव गांव से लोग पहुंच रहे हैं। खांडसारी अधिकारी सीएम उपाध्याय की मानें तो इस बार जिले में गांव गांव में एक बार फिर गुणों का कारोबार बड़े पैमाने पर शुरू होने के आसार दिख रहे हैं। खांडसारी यूनिट की तरफ से भी लोगों का रुझान बढ़ाने लगा है। खांडसारी इकाइयों के लिए बरौला शुगर इंडस्ट्रीज की लाइसेंस स्वीकृत कर दिया गया है। यह इकाई विकासखंड बेहजम में स्थापित होगी। गन्ना एवं चीनी आयुक्त कार्यालय से छ खांडसारी इकाइयों की स्थापना के लिये लाइसेंस जारी हुए हैं। जिसमें जिला भी शामिल है।