लखीमपुर खेरी

…तो अब से कोतवाल ही नहीं सिपाही को भी करना होगा ये काम, हुआ बड़ा बदलाव

क्राइम कंट्रोल करने के लिए यूपी पुलिस की पहल…

लखीमपुर खेरीJun 18, 2018 / 07:55 am

नितिन श्रीवास्तव

…तो अब से कोतवाल ही नहीं सिपाही को भी करना होगा ये काम, हुआ बड़ा बदलाव

लखीमपुर खीरी. क्राइम कंट्रोल करने के लिए मोहम्मदी पुलिस ने एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। अब क्षेत्र में होने वाले अपराध के लिए सिर्फ थानेदार और दरोगा ही नहीं बल्कि हल्का सिपाही की भी जवाबदेही बनेगी।
 

हर सिपाही को करना होगा ये काम

इस पहल के तहत मोहम्मदी कोतवाल डी.के. सिंह ने क्राइम कंट्रोल के लिए जवाबदेही तय करना भी शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि हर हल्के में सिपाही को एक बीट पुस्तिका भरनी होगी। इस पुस्तिका में उस इलाके के अपराध और अपराधियों का पूरा लेखा-जोखा होगा। सिपाही को दी गई पुस्तिका में उसका नाम, बीट कोड, गांव के नाम और हल्का प्रभारी का नाम दर्ज किया जाएगा।
 

होगी पूरी डीटेल

इस बीच पुस्तिका में इलाके के सभी चौकीदार के नाम, साथी ही हल्का वार हिस्ट्रीशीटर अपराधियों के नाम भी दर्ज किए जायेंगे। इसी बीट पुस्तिका में सिपाही के पास सभी बैंक, पेट्रोल पंप, अस्पताल, नर्सिंग होम, स्कूल कॉलेज, बस स्टैंड, बिजली और डाकघर आदि के नंबर दर्ज होंगे। पुस्तिका को कई अलग-अलग पार्ट में बांटा गया है। इसमें यह भी दर्ज किया जायेगा कि बीट में आने वाले गावों के अंतर्गत प्रमुख व्यक्ति कौन-कौन है। गांव के प्रधान, चौकीदार, लेखपाल कोटेदार का नाम और मोबाइल नंबर इसमें दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा अन्य विभागों के पेंशनर व राजपत्रित अधिकारी जो गांव में रहते है। उनके नाम भी इस पुस्तिका में लिखे जाएंगे। पुस्तिका के तीसरे भाग में विवादों की जानकारी दर्ज की जाएगी। गांव में जमीन का विवाद, नाली, खड़ंजा, सहन मंदिर के विवादों आदि का ब्योरा भी पुस्तिका में दर्ज होगा।
 

ये रिकॉर्ड भी होंगे दर्ज

यही नहीं अब तक दहेज उत्पीड़न और प्रेम प्रसंग का ब्योरा का विवरण लिखा जाएगा। चौथे भाग में अपराधियों का विवरण दर्ज होगा। इसमें उन इलाकों को चिन्हित किया जाएगा। जहां जुआ खेला जाता है। जहां अवैध असलहा,सेक्स रैकेट जैसे कोई काम चलते हैं। इसी भाग में चोरी और लूट की संपत्ति खरीदने वालों का विवरण दर्ज होगा। साथ ही अश्लील वीडियो बेचने वालों दिखाने वालों के रिकॉर्ड भी दर्ज होंगे। बीट पुस्तिका के पांचवे भाग में अपराध और एफआईआर का रिकॉर्ड दर्ज किया जाएगा। 6 भाग में अपराधियों का पूरा विवरण होगा। उसमें गुंडा अधिनियम के तहत विरुद्ध किए गए अपराध रजिस्टर गैंग के सदस्यों का विवरण दर्ज होगा।

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