नशीली गोलियां खिलाकर किया रेप ललितपुर जिले के सदर कोतवाली क्षेत्र में रहने वाली नाबालिग लड़की ने अपने पिता व परिवार के कई सदस्यों पर अभद्रता का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि उसे देह व्यापार में जाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस मामले के सामने आते ही लोग हैरान रहे गए। आरोप ललितपुर की राजनीतिक हस्तियों पर भी था इसको लेकर इस घटना की व्यापक चर्चा हो गई। लड़की के मुताबिक जब वह कक्षा 6 में पढती थी, तब उसके पिता और रिश्तेदारों ने उसके साथ गलत व्यवहार करना शुरू कर दिया। कई बार उसने इसका विरोध किया, जिस पर उसके साथ मारपीट की जाती थी। उसे नशीली गोलियां खिलाकर रेप का शिकार बनाया गया।
दर्ज हुआ मुकदमा पीड़िता का आरोप है कि चार-पांच सालों तक बंधक बनाकर उसका शारीरिक शोषण किया गया। कई स्थानों पर ले जाकर उसका शोषण किया गया। किसी तरह हिम्मत जुटा कर उसने इसकी शिकायत पुलिस अधिकारियों से की। इसके बाद उसे मुक्त कराया गया। शिकायत के आधार पर पुलिस ने सपा जिला अध्यक्ष तिलक यादव, उनके भाई राजू और अरविंद यादव सहित नगर पालिका पार्षद महेंद्र सिंघई, सरकारी महिकमे में तैनात जेई महेंद्र दुबे और उनके रिश्तेदार बसपा जिला उपाध्यक्ष नीरज तिवारी, बसपा जिला अध्यक्ष दीपक अहिरवार, सदर विधायक की दावेदारी पेश करने वाले राजेश झोजिया, प्रबोध तिवारी सोनू, समैया कोमल कांत सिंघई पप्पू अग्रवाल, मुन्ना अग्रवाल, आकाश अग्रवाल सहित 28 लोगों पर और चार अज्ञात लोगों पर यौन शोषण का आरोप है।सभी आरोपियों के खिलाफ 354, 120बी, 323, 328, 506, 376डी और 7/8 पासकों एक्ट सहित तमाम धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।लड़की उधर, मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने किशोरी का जिला महिला चिकित्सालय में चिकित्सकीय परीक्षण कराया।
सपा व बसपा जिला अध्यक्षों ने नकारे आरोप सपा व बसपा जिलाध्यक्षों ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसको बड़ा षड्यन्त्र बताया है। सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव ने कहा कि वह किशोरी को जानते तक नहीं है। पिता जरूर कभी कभार उनके पास आया है। उनके उस भाई पर भी दुष्कर्म के आरोप लगाए गए जो चलने फिरने में असमर्थ है। यह किसी की राजनीतिक चाल व बड़ा षड्यन्त्र है। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए 13 अक्टूबर को राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को सौंपेंगे।
सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनकी छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। अगर उच्च स्तरीय जांच नहीं की गई तो वह आत्महत्या के लिए मजबूर होंगे। वहीं बसपा जिलाध्यक्ष दीपक अहिरवार ने बताया कि वह किसी किशोरी व उसके पिता को नहीं जानते हैं। कभी उससे मिले तक नहीं। इस मामले की उच्चस्तरीय जांच आवश्यक है।