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विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता रैली निकाली

locationललितपुरPublished: Mar 25, 2019 06:23:07 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताह भर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा

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विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में जागरूकता रैली निकाली

लखनऊ. विश्व टीबी दिवस के उपलक्ष्य में सप्ताह भर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी क्रम में सोमवार को जनजागरूकता रैली निकाली गयी। रैली को महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ. पद्माकर सिंह ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में हयात इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल, एरा इंस्टीट्यूट, बलरामपुर नर्सिंग इंस्टीट्यूट, जीसीआरजी नर्सिंग कॉलेज, टी एस मिश्रा कॉलेज तथा स्वयं सेवी संस्था जीत, ममता व हुमना के लगभग 2000 छात्र- छात्राओं एवं कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
इट्स टाइम है टीबी दिवस की थीम

डॉ. पद्माकर सिंह ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि टीबी के सबसे ज्यादा मरीज भारत में पाये जाते हैं और एचआईवी टीबी में भारत दूसरे स्थान पर है। पूरे विश्व के 27% मरीज भारत से हैं। देश में टीबी के जितने मरीज हैं उनमें 20% उत्तर प्रदेश में हैं। 2018 में उत्तर प्रदेश में लगभग 4 लाख 20 हज़ार टीबी मरीजों की पहचान हुई है, जिसमें से लगभग 1 लाख 50 हजार मामलों को निजी क्षेत्र द्वारा चिन्हित किया गया है। 2019 में राज्य में लगभग 70,307 टीबी के मामलों की पुष्टि हुई जिनमें से लगभग 17, 870 निजी क्षेत्र द्वारा अधिसूचित किए गए हैं।
इस अवसर पर राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. संतोष गुप्ता ने बताया कि सर रोबर्ट कोच ने 24 मार्च 1882 को टीबी के जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस कि खोज की थी। तभी से हर साल 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2019 के विश्व टीबी दिवस की थीम है इट्स टाइम। बलगम के परीक्षण की सुविधा 2021 डीएमसी और 141 सीबी नेट केन्द्रों पर उपलब्ध है। 5 ड्रग सेन्स्टिविटी टेस्टिंग लैब आगरा, अलीगढ़, वाराणसी, लखनऊ और मेरठ में हैं, जो टीबी रोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रान्सफर (डीबीटी) के माध्यम से 1 अप्रैल, 2018 से टीबी रोगियों को 500 रूपये पोषण सहायता के रूप में प्रदान किए जा रहे हैं। अब तक लगभग 2.5 लाख से अधिक रोगियों ने इसका लाभ प्राप्त किया है।
टीबी संबंधित गलत सूचना देने वालों पर कार्यवाही

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. बी.के.सिंह ने बताया कि टीबी मामलों के नोटिफिकेशन में 30% कि वृद्धि हुई है। वहीं निजी क्षेत्रों के मामलों के नोटिफिकेशन में 70% कि वृद्धि हुई है। नवम्बर 2018 में लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज, मेरठ में नई दवा संवेदनशीलता टीबी के परीक्षण की प्रयोगशाला का संचालन शुरू किया गया है। अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डी.के.बाजपेयी ने बताया कि राजपत्रित अधिसूचना 2019 में टीबी अधिसूचना को अनिवार्य कर दिया गया है और गलत सूचना या सूचना न देने वालों पर कानूनी कार्यवाही का प्रावधान किया गया है। मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के प्रवक्ता डॉ. एस.के.सक्सेना ने बताया कि सरकार ने एक टीबी कॉल सेंटर शुरू किया है जिसके द्वारा टीबी से संबन्धित जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इस अवसर पर उप राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. ऋषि सक्सेना, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. शंकर लाल, अधीक्षक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरोजिनी नगर, डॉ. अशोक कुमार उपस्थित रहे।

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