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रियल्टी चेक : नहीं सुधर रही उजड़ी स्कूलों की हालत

locationललितपुरPublished: Sep 14, 2017 05:22:19 pm

Submitted by:

Ruchi Sharma

अधिकतर स्कूल चल रहे है मानकों को ताक पर रखकर
 

lalitpur

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ललितपुर. जनपद के अधिकतर पब्लिक स्कूल मानकों को ताक पर रखकर संचालित किए जा रहे है। यहां के अधिकतर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। बल्कि यहां के अधिकतर स्कूलों में बच्चे असुरक्षित है। यहां के स्कूलों का जब रियल्टी टेस्ट किया गया तो उनमें कई प्रकार की खामियां पाई गई, हालांकि स्कूल प्रबंधन ने उन खामियों पर पर्दा डालते हुए अपने वक्तव्य भी दिए।

रानी लक्ष्मी बाई पब्लिक स्कूल

रानी लक्ष्मीबाई पब्लिक शहर का एक माना हुआ नामी ब्रांडेड विद्यालय है। इस स्कूल में यहां के लोग अपने बच्चों को पढ़ाना पसंद करते हैं, मगर इस स्कूल में कई खामियां है जो लोगों को दिखाई नहीं देती। इस स्कूल में सुरक्षा व्यवस्थाओं का टोटा है । इस स्कूल की बाउंड्री की दीवार टूटी है जो वर्षों से ऐसे ही दिखाई दे रही है । उस दीवार के सहारे ही पूरे विद्यालय की सुरक्षा की जा रही थी। बच्चों के एवं स्टाफ के टॉयलेट भले ही अलग-अलग बनाए गए लेकिन वह भी सही तरीके से नहीं बनाए गए । जब स्टाफ की पुलिस वेरिफिकेशन की बात की गई तो पूरे विद्यालय के स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन भी नहीं कराया गया था ।
यहां पर कुछ बच्चों की कक्षाएं टीन सेड में संचालित हो रहीं है जिनमें आज भी पीले रंग की पन्नी लगी हुई है । यहां पर स्थिति स्वमिंग पुल में कई दिनों पुराना बरसात का पानी भरा हुआ है जिसमें मच्छर आसानी से पनपते है और मलेरिया डेंगू जैसी बीमारियों को यह स्वमिंग पुल आमन्तरण देता नजर आ रहा है ।
यहां की सुरक्षा व्यवस्था गेट से लेकर पीछे तक ऐसी है कि कोई भी व्यक्ति स्कूल के अंदर आसानी से दाखिल हो सकता है । लक्ष्मी बाई पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य अनिल मधुबनी ने बताया कि सुरक्षा की दृष्टि से हम चार सिक्योरिटी गार्ड रखे हुए हैं अौर बच्चों को स्कूल ले जाने एवं निभाने के लिए जो वाहन का स्टाफ रहता है वह भी सुरक्षा के लिए लगा दिया जाता है ।

महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल

इसके बाद हमने ललितपुर नगर के दूसरे विद्यालय महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल का रियल्टीचेक किया । हम जैसे ही विद्यालय में प्रविष्ट हुए तो पता चला कि यह स्कूल भी मानकों को पूरा नहीं करता । यहां पर विद्यालय की प्रधानाचार्य ने लिखित परमिशन मांगते हुए रियल्टी चेक करने से मना कर दिया क्योंकि यह स्कूल सरकारी मानकों को ताक पर रखकर बनाया गया है। बता दें कि यह जो विद्यालय चलाया जा रहा है, वह सुरक्षा मानकों के विपरीत संचालित है । इसमें बच्चों को खेलने के लिए कोई भी प्ले ग्राउंड मैदान नहीं है। इसकी इमारत को पहले आवासीय परिसर बनाया गया था। मगर बाद में इसमें स्कूल संचालित होने लगा ।
यह स्कूल एक छोटी सी गली में स्तिथ है । स्कूल के मेन गेट तक स्कूली वाहन नहीं पहुंच सकते । लिहाजा बच्चों को कहीं दूसरे मैदान में उतार कर स्कूल तक पहुंचाया जाता है । सुरक्षा मानकों के विपरीत विद्यालय की प्रधानाचार्य ने सुरक्षा व्यवस्था और टॉयलेट एवं स्टाफ का पुलिस वेरिफिकेशन कुछ भी बताने से मना कर दिया । इससे साफ जाहिर है कि महाराजा अग्रसेन पब्लिक स्कूल मानकों एवं सुरक्षा संसाधन के विपरीत है ।

कोलकत्ता पब्लिक स्कूल

इसके बाद आजादपुरा में स्थित कोलकाता पब्लिक स्कूल जा पहुंचे । जो एक प्राइवेट आवाशीय बिल्डिंग में संचालित है । स्कूल के पहली यह बिल्डिंग रहने के लिए बनाई गई थी मगर बाद में इसे स्कूल संचालक कर दिया गया । यह विद्यालय भी मानकों को पूरा नहीं करता । इसमें जितने भी कमरे बनाये गए है उनमें अंधेरा रहता है। इस विद्यालय में कोई भी प्ले ग्राउंड नहीं है । सीढ़ियों की स्थिति देखे जिस पर बच्चे कभी भी गिर सकते है। यहां का ज्यादातर प्रबंधन स्टाफ 8वीं तथा 5वीं पास है । यहां भी स्कूल स्टाफ का कोई भी पुलिस वेरिफिकेशन नहीं कराया गया । यह विद्यालय भी बिना मानकों के संचालित किया जा है।

कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि अब शिक्षा का व्यवसाई करण हो गया है। जिसके चलते अभिभावकों की जेबों पर सीधा डाका डाला जा रहा है। विद्यालयों के संचालन में सरकारी मानको को ताक पर रखकर विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं और जिनको जिला प्रशासन लगातार अनदेखा करता चला रहा है। हालांकि कई बार इसकी शिकायतें भी जिला प्रशासन से की गई है मगर आज तक कोई ठोस नतीजा नहीं निकला । प्रशासन भी जब चेतता है जब कोई बड़ी घटना कहीं घट जाती है नहीं तो जैसा चल रहा है वैसा ही चलता रहता है

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