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भाजपा सरकार में जिलाध्यक्ष की नहीं हुई सुनवायी, निर्वाचन आयोग से लघु सिंचाई के ईई को हटाने की लगाई गुहार

locationललितपुरPublished: Mar 15, 2019 03:21:16 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदीश लोधी के मुख्य चुनाव आयुक्त के पत्र ने सरकारी योजनाओं को लेकर खलबली मचा दी है

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भाजपा सरकार में जिलाध्यक्ष की नहीं हुई सुनवायी, निर्वाचन आयोग से लघु सिंचाई के ईई को हटाने की लगाई गुहार

ललितपुर. भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष जगदीश लोधी के मुख्य चुनाव आयुक्त के पत्र ने सरकारी योजनाओं को लेकर खलबली मचा दी है। पत्र में उन्होंने शिकायत तो लघु सिंचाई विभाग के अधिशाषी अभियन्ता की है लेकिन उनके पूरे प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो गया है। पत्र में सवाल किया गया है कि अगर अधिशाषी अभियन्ता द्वारा किसी अन्य पार्टी के विशेष लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा था, तो मुख्यमंत्री के पास शिकायत कर क्यों नहीं हटाया गया। अगर मुख्यमंत्री द्वारा अपनी पार्टी के जिलाध्यक्ष की शिकायत का निस्तारण नहीं किया गया, तो आम जनता के दरबार लगाने का दिखावा क्यों किया जाता है।
पत्र में कही गयी ये बात

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सरकार के गठन होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निवर्तमान सरकार के कार्याकाल को जंगल राज करार किया था। साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि प्रदेश में भ्रष्टाचारियों व उनका साथ देने वालों को नहीं रहने दिया जायेगा। इसके पश्चात समीक्षा कर प्रत्येक विभाग में अधिकारी रखे गये। किसी अधिकारी ने गलत कार्य किए तो उन्हें लूप लाइन में डाल दिया। कई अधिकारियों के खिलाफ जांच भी बैठायी गई।
यही नहीं आम जनता को अधिकारियों व कर्मचारियों से शिकायत होने पर ऑनलाइन शिकायत पेार्टल भी तैयार किया गया। इसके बाद प्रदेश मुख्यालय पर मुख्यमंत्री दरबार भी प्रारम्भ किया गया जहां लोगों की समस्याओं के निस्तारण का दावा किया जाता रहा। इसके अलावा नेताओं की आम सभाओं में प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री व अन्य नेताओं द्वारा उत्तर प्रदेश में खुशहाली व विकास के दावे हो रहे हैं। आचार संहिता लागू हो चुकी है। मुख्य चुनाव अधिकारी को लिखे पत्र में बताया गया कि लघु सिंचाई विभाग द्वारा प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से मदद की जा रही है। यही नहीं पत्र में यह हवाला दिया गया है कि इसकी शिकायत पूर्व में की जा चुकी है, परन्तु इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है। इस पत्र पर निवार्चन आयोग क्या कार्यवाही करता है, यह बात अलग है। माना जा रहा है कि मीडिया के सामने भी यह पत्र अधिशाषी अधिकारी को हटाने के लिए मौहोल पैदा करने के लिए किया गया है। ऐसे में आगामी चुनाव मे पार्टी जिलाध्यक्ष किसके लिए वोट मांगने जायेंगे। क्योकिं उनकी पार्टी की सरकार में तो उनकी ही सुनवाई नहीं हुई है।
आचार संहिता का पालन करना जरूरी

इस मामले में जिलाध्यक्ष जगदीश सिंह लोधी एडवोकेट ने बताया कि लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अधिकारी मृत्युंजय कुमार पर पहले से ही कई शिकायतें लंबित है। जिनमें से 6 शिकायतों पर जांच चल रही है और हाल ही में लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भी यह अधिशासी अधिकारी बैक डेट में कुछ कामों के एग्रीमेंट करने के लिए राजी हुए थे। इस बात की जानकारी मिलते ही चुनाव आयोग को मामले से अवगत कराया कि आचार संहिता लगने के बाद उसका पालन किया जाना जरूरी है, जिसके तहत कोई नया एग्रीमेंट या नए टेंडर नहीं हो सकते। इस समय आदर्श आचार संहिता लगने के बाद सारी शिकायतें चुनाव आयोग से की जाती है।

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