केंद्र सरकार पूरे देश को 2019 तक खुले में शौचमुक्त भारत का निर्माण करने का एक अभियान चला रही है वहीं घटवार गांव के पूर्व प्रधान राम नारायण पटेल द्वारा 2015 में अपने क्षेत्र में 164 शौचालय निर्माण दर्शाए हैं लेकिन इस गांव में उस समय एक भी शौचालय नहीं बनाया गया। यह बात गांव के लोगों द्वारा शौचालय निर्माण के लिए आवेदन करने पर ज्ञात हुआ कि कम्प्यूटर में गांव में 164 शौचालय निर्माण 2015 में कर दिए गए जबकि गांव में शौचालय निर्माण शून्य है। इस मामले की शिकायत कई बार संबंधित अधिकारियों से की गई मगर आज तक कोई निराकरण सामने नहीं आया जिससे ग्रामीणों में काफी रोष व्याप्त है। ग्रामीणों ने पूर्व प्रधान पर शौचालय निर्माण में धांधली करते हुए पैसा हड़पने का आरोप लगाया है।
अपात्रों के नाम पर भी हुआ शौचालय निर्माण
इस गांव के पूर्व प्रधान राम नारायण पर गांव में 164 शौचालय कागजों में निर्माण कराने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है। इस मामले में गांव के सवर्ण सम्पन्न वर्ग के व्यक्तियों के नाम से भी पूर्व प्रधान ने शौचालयों का निर्माण कराया है जो कि पात्रता की श्रेणी में भी नहीं आते। ऐसे इस गांव में कई परिवार है। जिनके घर में उनके परिजनों के नाम पर शौचालयों का पैसा पूर्व प्रधान ने हड़पा है।
ग्रामीणों ने भी लगाए आरोप
इस गांव के रामलखन का कहना है कि जो शौचालय 2015 में आये थे वह केबल कागजों में बनाए गए है। मगर धरातल पर एक भी शौचालय का निर्माण नही हुआ है। यह कारनामा पूर्व प्रधान राम नारायण पटेल ने किया है। मगर इसके बारे में हम लोगों को कोई जानकारी नहीं थी। हमें तो तब पता चला जब हमने शौचालयों के लिए आवेदन किया तो पुरानी लिस्ट में हमारा नाम आ गया। हमारे व हमारी पत्नी के नाम से शौचालयों का पैसा पूर्व प्रधान ने निकाल कर हड़प कर लिया और हमें पता तक नहीं चला।
राधारानी का कहना है कि हम कई वर्षों से खुले में शौच जा रहे हैं जब हमें पता चला कि सरकार हमारे लिए शौचालय भेज रही है तो हमने भी फार्म भरा था। मगर हमारे नाम से पहले ही शौचालय प्रधान द्वारा बनवाये गए है। लिष्ट में नाम आया है मगर हमारा शौचालय बना ही नहीं। पूर्व प्रधान राम नारायण ने पूरा पैसा निकाल कर हड़प कर लिया है।
सन 2015 के वर्तमान प्रधान राम नारायण ने गांव के लोगों के नाम पर फर्जी शौचालयों का निर्माण कागजों में करवाकर पूरा पैसा हड़प लिया था। अब सभी ग्रामीण शौचालयों के लिए परेशान है। अब समझ में नहीं आ रहा है कि शौचालयों का निर्माण कैसे होगा। क्योंकि आवेदन करते है तो पुरानी लिष्ट निकल आती है।
जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह का कहना है कि यह मामला संज्ञान में आया है। इस मामले की जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अब सवाल यह उठता है कि इस प्रकार कैसे होगा मोदी जी का स्वच्छ भारत अभियान का सपना पूरा। कैसे गांवों को शौचमुक्त बनाया जाएगा। क्योंकि भ्र्ष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। और सवाल यह भी है कि जांच कब तक होगी और कब दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।