ललितपुर

भुखमरी की कगार पर खड़ा संविदा कर्मियों का परिवार, पेट पालने के लिए नहीं है पैसे

पांच माह से वेतन न मिलने से संविदा कर्मियों का परिवार भुखमरी की कगार पर है

ललितपुरJul 02, 2019 / 07:39 pm

Karishma Lalwani

भुखमरी की कगार पर खड़ा संविदा कर्मियों का परिवार, पेट पालने के लिए नहीं है पैसे

ललितपुर. वर्तमान समय में लगभग सभी सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग के द्वारा संविदा कर्मियों की नियुक्ति की जा रही है। ऐसे मामलों में सरकार द्वारा नामित कार्यदाई संस्थाएं आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मियों की नियुक्ति कर आपूर्ति तो करवाती है, मगर उन्हें समय पर वेतन नहीं दे पाती। जिस कारण संविदा कर्मियों की माली हालत बदहाली की कगार तक आ पहुंचती है। जनपद में स्वास्थ्य विभाग में अवनी परिधि नामक कंपनी ने संविदा कर्मियों की तैनाती की थी। विद्युत विभाग में चंचल ट्रेडर्स नामक आउटसोर्सिंग कंपनी में भी विद्युत विभाग में लाइन अनुरक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति की थी। मगर दोनों ही जगह संविदा कर्मियों को समय से वेतन नहीं मिला। विद्युत विभाग के संविदा कर्मियों का पिछले पांच माह से वेतन नहीं मिला। इस वजह से उनका परिवार भुखमरी की कगार पर आ खड़ा है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
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125 संविदा विधुत कर्मियों ने उपखण्ड अधिकारी जगदीश प्रसाद को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में अवगत कराया गया कि ग्रामीण अंचलों में लाइन अनुरक्षण कार्य के लिए हम सभी विद्युत कर्मियों को चंचल ट्रेडर्स नामक कंपनी में आउटसोर्सिंग के माध्यम से संविदा कर्मियों की नियुक्ति करवाई थी। वे ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात रहकर हेवी विद्युत लाइन एवं घरेलू विद्युत लाइनों का मेंटेनेंस का कार्य करते हैं। 30 जून को चंचल ट्रेडर्स की संविदा समाप्त हो चुकी है। मगर संविदा समाप्ति के बाद भी चंचल ट्रेडर्स नामक कंपनी ने पांच माह से वेतन नहीं दिया। ज्ञापन में कहा कि अगर ऐसे में विद्युत कार्य करते समय कोई दुर्घटना होती है, या किसी भी कर्मचारी की मौत होती है, तो फिर इसकी जिम्मेदारी किसकी रहेगी। उन्होंने पांच माह का लंबित वेतन दिलाए जाने की मांग की। साथ ही कार्य करने के लिए सुरक्षा उपकरण मुहैया कराए जाने की भी मांग की।
धरना प्रदर्शन करने को बाध्य कर्मचारी

संविदा कर्मी दिनेश कुशवाहा और रामराजा राजपूत का कहना है कि वह सभी लोग पिछले 1 साल से इस विभाग में काम कर रहे हैं। मगर पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिला, जिस कारण परिवार बदहाली की कगार पर खड़ा है। बच्चों को खिलाने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं। उन लोगों की संविदा समाप्त हो चुकी है। इसके बाद भी विद्युत विभाग उनसे अनुरक्षण कार्य करवा रहा है। उन्होंने ज्ञापन के माध्यम से अपनी मांगे अधिकारियों तक पहुंचाई हैं। उन्होंने कहा कि अगर मांगों पर गौर नहीं किया गया, तो वे धरना प्रदर्शन करेंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
अग्रिम आदेश का इंतजार

इस मामले में उपखंड अधिकारी जगदीश प्रसाद का कहना है कि चंचल ट्रेडर्स नामक कंपनी का टेंडर समाप्त हो चुका है मगर कर्मचारियों का लंबित वेतन अति शीघ्र दिलाया जाएगा। संविदा समाप्त होने के बाद कर्मचारियों ने भी कार्य बहिष्कार कर दिया है। ऐसी स्थिति में विद्युत अनुरक्षण का कार्य प्रभावित होगा। मगर किसी न किसी तरह इस कार्य को मैनेज किया जाएगा। हर साल संविदा समाप्त होने के पहले सरकार टेंडर करवा लेती थी, मगर इस साल टेंडर नहीं हो सके। इस कारण वेतन देने में देरी हो रही। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की मांगें उच्च अधिकारियों को बता दी गई हैं और अग्रिम आदेश आने पर ही अगली रणनीति तय होगी।
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