कोरोना काल में ज्यादातर नौकरियां चली गई हैं। जहां नौकरी है, वहां सैलरी कट रही है। ऐसे में दिमागी परेशानी लोगों को परेशान कर रही है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि कोरोना काल के इन हालात से निपटने के लिए समय का सही इस्तेमाल करना चाहिए। उनके मुताबिक जिन विषयों में रूचि हैं उन पर किताबें पढ़नी चाहिए, घर में पेड़ और पौधों से भी सकारात्मकता का एहसास हो सकता है। लखनऊ से मनोचिकित्सक डॉ. अनिरुद्ध केशव कहते हैं कि मानसिक तनाव लगातार बने रहने से वो डिप्रेशन में तब्दील हो जाता है। इसके लक्षणों को पहचानना जरूरी है और इसके साथ ही सकारात्मक सोच होना भी जरूरी है। लक्षणों को पहचानकर आपको काउंसलर से संपर्क करना होगा या अपने किसी करीबी को अपनी समस्याओं के बारे में बताने की जरूरत है। मानसिक परेशानी के ये लक्षण भी हो सकते हैं-
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