संक्रमित मरीज अंशुल दुबे का आरोप है कि अस्पताल में न तो समय पर भोजन मिलता है न ही वहां पेयजल की अच्छी व्यवस्था है। मरीजों को भगवान के भरोसे छोड़ दिया गया है। जिला प्रशासन और स्वास्थ विभाग द्वारा पूर्ण रूप से मरीजों के साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है एवं अस्पताल में फैली अव्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। उनका आरोप है कि जब उन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो वहां तैनात डॉक्टरों के साथ अन्य कर्मचारियों ने उन्हें मुकदमा में फंसाने की धमकी तक दे डाली।
डीएम ने किया आरोप को खारिज इस मामले में डीएम ने अव्यवस्थाओं की लगे आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं हो पाई है। फिर भी एहतियात के तौर पर हमने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अस्पताल पर अपनी नजर रखें।