जानें क्या है पूरा मामला
इस आयोजन में ग्राम गडौली खुर्द और गोराकलां के दो जमीनी विवाद ऐसे आए जिनका पट्टा तो 2009 तथा 2012 में जिला प्रशासन ने दिया था मगर कई वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पट्टा धारकों को कब्जा नहीं दिलाया गया था। पट्टा होने के बाद वह किसान लगातार शिकायतें करते रहे मगर उनकी किसी ने नहीं सुनी। किसानों द्वारा मौके पर बताया गया कि वह पिछले कई वर्षों से पट्टा बाली जमीन पर कब्जा लेने के लिए प्रयास कर रहे हैं मगर उन्हें आज तक कब्जा नहीं दिया गया।
किसानों की शिकायत पर दोनों ही मामले जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद तत्काल उप जिला अधिकारी कानूनगो तहसीलदार और लेखपाल को मौके पर बुलाया गया एवं पर्याप्त पूछताछ के बाद जिलाधिकारी ने दोनों ही लेखपालों को दोषी पाया। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के बाद जिलाधिकारी ने उप जिला अधिकारी को गोराकलां के लेखपाल कमल कुमार तथा गडौली खुर्द के लेखपाल रामसहाय को निलंबित करने के निर्देश जारी किए तथा निलंबित कर सूचना उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए।
2009 तथा 2012 में आवंटित किए गए थे पट्टे
इस मामले में जिलाधिकारी योगेश कुमार शुक्ला द्वारा बताया गया कि दोनों ही पट्टे 2009 तथा 2012 में आवंटित किए गए थे। मगर तब से लेकर आज तक दोनों ही किसानों को कब्जा दिलाने में लापरवाही बरती गई। जिनमें से एक ही जमीन पर दो लोगों को पट्टा दिया गया जिसके परिपेक्ष में हमने दोनों ही लेखपालों को निलंबित करने के निर्देश दिए तथा जिन दो किसानों को एक ही जमीन का पट्टा दिया गया था उनको अलग-अलग पट्टा देने के लिए भी निर्देश दिए।