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गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम में हुआ मामला दर्ज

locationललितपुरPublished: May 30, 2018 11:10:49 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

जिलाधिकारी के आदेश पर पीसीएफ के जिला प्रबंधक ने कराया मामला दर्ज.

Yogi

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ललितपुर. सरकार ने जनपद के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य देने के लिए गेहूं क्रय केंद्र व दलहन क्रय केंद्र खुलवाए है, मगर मामला कुछ उल्टा हुआ। किसानों को उनकी उपज का समर्थन मूल्य तो नहीं मिला, मगर गेहूं क्रय केंद्र प्रभारियों व दलहन केंद्र प्रभारियों ने भ्रष्टाचार मचा कर किसानों को ठगने का काम शुरू कर दिया। जिस पर किसानों ने जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह से इस बात की शिकायत की थी कि केंद्र पर किसानों से अबैध बसूली की जा रही है।
मामला थाना पाली के अंतर्गत बंगरिया गेहूं क्रय केंद्र का है, जहां के किसानों ने जिलाधिकारी मानवेंद्र सिंह से गेहूं क्रय केंद्र पर केंद्र प्रभारी द्वारा व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की थी। इस पर जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दिए थे और जांच में गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी का भ्रष्टाचार उजागर हुआ था। इस पर जिलाधिकारी ने पीसीएफ के जिला प्रबंधक दिव्यांशु वर्मा को गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए थे। इस आदेश के बावत पीसीएफ के जिला प्रबंधक दिव्यांशु वर्मा द्वारा पाली बंगरिया गेहूं केंद्र प्रभारी राकेश कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ 60/13 भ्रष्टाचार अधिनियम में मामला पंजीकृत कराया है। केंद्र प्रभारी राकेश कुमार पर आरोप है कि 28 मई 2018 को जिलाधिकारी कार्यालय पर जन सुनवाई के दौरान किसानों ने प्रार्थना पत्र दिए थे जिसके आधार पर अभियुक्त राकेश कुमार श्रीवास्तव द्वारा गेहूं क्रय केंद्र पर फसल की उपज के एवज में प्रति कुंटल 400 से ₹500 लिए जा रहे थे।
पहले भी कई केंद्र प्रभारियों के खिलाफ हो चुके है मामले दर्ज :- यह कोई पहला मामला नहीं है जिसमें किसानों का शोषण किया जा रहा था। इसके पहले भी जिलाधिकारी ने करीब 11 केंद्र प्रभारियों तथा दो सोसाइटी के सचिवों पर भी मामले दर्ज कराए हैं। इनमें जाखलौन मंनगुवा बूचा सिरोंन सहित कई केंद्र प्रभारियों पर मामले दर्ज हो चुके हैं। मगर केंद्र प्रभारी है कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे। वह लगातार किसानों का शोषण कर रहे हैं। जबकि किसान कल्याण निगम की प्राइवेट केंद्रों को बंद करवा दिया गया है।
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