एक जिंदा वृद्ध को मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी गयी है
बेटों ने किया बेघर तो अफसरों ने बताया मृत, पेंशन के लिए लड़ रहा यह जिंदा इंसान
ललितपुर. अक्सर पेंशन घोटाले के कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जिसमें वृद्धों को अपनी पेंशन के लिए ऑफिस के चक्कर बेकार में ही की बार काटने पड़ते हैं। जनपद में पेंशन घोटाले का ऐसा मामला सामने आया है, जहां एक जिंदा वृद्ध को मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी गयी है। ललितपुर के रहने वाले मानक कोरी को उनके बच्चों ने बेघर कर दिया है। एक ओर उन्हें बच्चों ने घर से निकाल दिया, तो दूसरी ओर अफसरों ने उन्हें मृत बताकर पेंशन रोक दी। ऐसे में इस वृद्ध के सामने अपनी पेंशन लेने से बड़ा संकट अब खुद को जिंदा साबित करना है।
एक साल से खाते में पेंशन नहीं आई मामला गांधीनगर नई बस्ती के रहने वाले मानक कोरी का है। यहां के एक वृद्ध को अफसरों ने कागजों पर मृत घोषित कर दिया है, जिससे वृद्ध की पेंशन बंद हो गई। अब वृद्ध अपने को जीवित साबित करने के लिए चक्कर अधिकारियों के काट रहा है, लेकिन सुनवाई नहीं हुई है। समाज कल्याण विभाग में जब इसकी जानकारी ली गयी, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सत्यापन रिपोर्ट में मानक कोरी को 17 अगस्त 2017 को ही मृत मान लिया गया था। जब समाज कल्याण कार्यालय के लिपिक ने मानक को रिपोर्ट दिखाई, तो उसके होश उड़ गए। मानक कोरी ने डीएम को पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है।
मानक ने बताया कि अभिलेखों में खुद को जिंदा साबित करने के लिए अधिकारियों को चार बार प्रार्थना पत्र दे चुके हैं। बेटों ने घर से निकाल दिया है। ऐसे में पेंशन ही बुढ़ापे की सहारा है लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही ने उसे भी छीन लिया। इस मामले में समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर पेंशन रोकी गई थी। अब पेंशन दोबारा चालू तभी हो पाएगी, जब मानक अभिलेखो में जिंदा साबित किया जाए। दोबारा पेंशन फॉर्म भरना पड़ेगा।