लगभग 800 बोरी का अवैध भंडारण
हाल ही में ताजा मामला कोतवाली महरौनी के अंतर्गत ग्राम कुम्हेडी में सामने आया है। जहां चिंतामन के मकान में लगभग 800 बोरी अवैध भंडारण किया हुआ। गेहूं रखा हुआ था जिसकी सूचना मुखबिर द्वारा विपणन अधिकारी को दी गई। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी संजय कुमार पुत्र मुन्ना लाल चौरसिया ने छापा मारकर उक्त मकान से 800 बोरा गेहूं जब तक कर कोतवाली महरौनी में एक तहरीर देकर पुलिस को पूरे मामले से अवगत कराया। पूंछतांछ के बाद पता चला कि उक्त अनाज वीरेंद्र कुमार पुत्र कुंदन लाल के साथ 6 व्यक्तियों का है। जो थाना सौजना के अंतर्गत ग्राम खिरियाभारनजू के निवासी हैं। क्षेत्रीय विपणन अधिकारी की तहरीर पर कोतवाली महरौनी पुलिस ने इस मामले को 3/7 ई सी एक्ट में पंजीकृत कर कार्रवाई की है।
आखिर दो माह बाद क्यों दर्ज कराया गया मामला
इस मामले में एक बात सामने आई है वह यह है कि क्षेत्रीय विपणन अधिकारी संजय कुमार ने आखिर यह मामला लगभग दो माह बाद क्यों दर्ज कराया। क्या यह मामला जब गेहूं का अकूत भंडारण अवैध रूप से पकड़ा गया था। तभी यह मामला दर्ज नहीं कराना चाहिए था। अगर सूत्रों की मानें तो इस मामले में जिस व्यक्ति को मुख्य आरोपी बनाया गया है। यह अनाज उस व्यक्ति का है ही नहीं बल्कि यह अनाज बसपा सरकार के कद्दावर नेता के भाई का है। मगर एक अन्य व्यक्ति को निशाना बनाकर यह मामला 2 माह बाद दर्ज कराया गया।
खोला जाना था सरकारी गेहूं क्रय केंद्र
सूत्रों से यह भी पता चला है कि ग्राम कुंहेड़ी में सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खोला जाना था जिसमें यह गेहूं खपाया जाना था। मगर वहां पर गेहूं क्रय केंद्र नहीं खुल सका और किसी स्थानीय मुखबिर ने यह सूचना संबंधित अधिकारियों को दे दी। जिससे यह गेहूं पकड़ा गया। इस मामले में जब कोतवाली प्रभारी महरौनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि 2 दिन पूर्व ही इस मामले में तहरीर दी गई थी। जिसके आधार पर यह मामला पंजीकृत किया गया। अब सवाल इस बात का पैदा होता है कि आखिर 2 माह पहले पकड़े गए अवैध 800 बोरा गेहूं का मामला 2 माह बाद आखिर क्यों दर्ज कराया गया।