उमा भारती ने दिया यह बयान दरअसल, विगत दिवस आमसभा के जरिए पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांगने ललितपुर आयीं केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने क्षत्रिय समाज पर गंभीर कटाक्ष करते हुए कहा कि हर गांव में एक राजा साहब होते हैं। जब वे निकलते हैं, तो सब लोग खड़े हो जाते हैं। उनके सामने कोई चप्पल नहीं पहन सकता है। उनके सामने कोई साइकिल पर नहीं बैठ सकता है, उनके सामने कोई दूल्हा घोड़े पर नहीं बैठ सकता है। उन्होंने क्षत्रिय समाज को भूखा और बेहद गरीब करार दिया। उनका कहना था की जब कोई पूछता है राजा साहब कैसे हैं, तो उनका कहना होता था कि हम मजे में हैं। इस बयान के बाद से आमसभा में राजनैतिक हलचलें तेज हो गयीं हैं। सार्वजनिक मंच पर ऐन चुनावी मौसम में क्षत्रिय समाज को विरोधाभाषी भरे लहजे में इस बयान की आवश्यकता पर सवाल खड़े कर गये। इस बयान के बाद से क्षत्रिय समाज के युवाओं द्वारा सोशल मीडिया पर जमकर विरोध दर्ज कराया जा रहा है।
केंद्रीय मंत्री के बयान पर कार्यवाही की मांग क्षत्रिय महासभा व करणी सेना ने संयुक्त रूप से भारत के महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजते हुये केन्द्रीय मंत्री के उक्त विवादित बयान पर कार्यवाही किये जाने की मांग उठायी है। पुतला दहन करते समय रामजी राजा, जीतू राजा मगरपुर, धु्रव प्रताप सिंह, साहब सिंह, राजू राजा, यशपाल राजा, मृगेन्द्र राजा, रोहित राजा, पृथ्वीराज परमार, भोलू परमार, पुष्पेन्द्र राजा, राजाबाबू, महिपाल राजा, सत्येन्द्र सिंह, सौरभ सिंह, बॉबी राजा पटसेमरा, के.पी.राजा, छोटू राजा, अभिषेक परमार, रानू राजा परमार, रजऊ राजा परमार, प्रदुम्न राजा, चन्द्रप्रताप सिंह, कप्तान सिंह, कर्णप्रताप सिंह, भगवत सिंह बैस तेरा, आकाश चौहान, वीरेन्द्र राजा, आकाश राजा, गोलू राजा, नृसिंह प्रताप सिंह, रवीन्द्र राजा, राज प्रताप सिंह, गौरव राजा के अलावा अनेकों पदाधिकारी मौजूद रहे।