पूर्व प्रमुख क्षेत्र पंचायत बार आशीष रिछारिया तथा पूर्व रोजगार सेवक सुरेन्द्र कुमार द्वारा ग्राम पंचायत कैलगुवां में रुपसिंह यादव उर्फ भूरा, संतोष, रामराज, राकेश एवं अन्य के खिलाफ ग्रामवासियों को डराने धमकाने, सरकारी जमीन पर कब्जा करने एवं मनरेगा में मृतकों एवं काम न करने वालों के नाम पर धनराशि आहरित करने, ग्राम निधि, प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के तहत शौचालय निर्माण में अपात्रों को लाभ पहुंचाने, योजनाओं में अनियमिता बरतने एवं सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोपों की जांच के लिए जिलाधिकारी, ललितपुर श्री मानवेन्द्र सिंह द्वारा अपर जिलाधिकारी, ललितपुर की अध्यक्षता में एक आठ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया था। कमेटी द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत रिपोर्ट में विस्तृत रुप से जांच आख्या प्रस्तुत की। कमेटी ने पाया कि रुप सिंह यादव उर्फ भूरे एवं अन्य द्वारा लगभग 54 लाख 59 हजार रुपए मूल्य की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उसे खुर्दबुर्द किया। इसके साथ ही उपायुक्त श्रम रोजगार इन्द्रमणि त्रिपाठी ने मनरेगा के कार्यों की जांच के दौरान पाया कि ग्राम पंचायत कैलगुवां में मनरेगा के तहत कराये गए कार्यों में कुल 24 लाख 64 हजार 1500 रुपए का गबन किया गया है, जिसमें विभिन्न कार्यों को मानकानुरुप नहीं कराया गया था। साथ ही मृतकों के नाम पर भी जाॅबकार्ड जारी कर धनराशि का भुगतान आहरित किया गया।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौचालय निर्माण के अन्तर्गत की गई अनियमितताओं की जांच में जिला पंचायती राज अधिकारी ने पाया कि ग्राम पंचायत कैलगुवां में कुल 195 ऐसे शौचालयों की धनराशि आहरित की गई है, जिनका निर्माण कराया ही नहीं गया है अथवा अपूर्ण कराया गया है। इसके अतिरिक्त ग्राम पंचायत कैलगुवां में मुन्ना पुत्र जसू, मूले पुत्र मलखान, मुन्नीलाल पुत्र कल्ले, प्रभु पुत्र धनु में से प्रत्येक को आवास निर्माण हेतु 01 लाख 20 हजार रुपए की धनराशि अवमुक्त की गई, जबकि ये योजनान्तर्गत लाभ पाने हेतु पात्र नहीं थे। जिलाधिकारी ने इन अपात्रों से भी सम्पूर्ण धनराशि वसूलने के निर्देश दिये।
इस प्रकार जिलाधिकारी ने तकनीकी सहायक बालमुकुन्द से 1.7133 लाख, अरुण कुमार तकनीकी सहायक से 6.5005 लाख, ग्राम पंचायत अधिकारी पंचायत सचिव धर्मदास सुमन से 14.2098 लाख, ग्राम प्रधान श्रीमती मीरा से 7.0133 लाख, पूर्व ग्राम प्रधान श्रीमती पुष्पा से 10.9855 लाख, पंचायत सचिव मंगल सिंह से 3.28900 लाख, रुपसिंह उर्फ भूरे यादव से 48.23 लाख तथा पुष्पेन्द्र तनय संतोष से 1.06 लाख की वसूली कराये जाने के आदेश जारी किये तथा उपरोक्त के खिलाफ एफ0आई0आर0 दर्ज कराने के निर्देश भी जारी किये। साथ ही दोषी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरु करने के भी आदेश जारी किये।
जिलाधिकारी ने निजी एवं सरकारी जमीन पर रुपसिंह उर्फ भूरा यादव द्वारा संगठित रुप से कब्जा करने के कारण रुपसिंह उर्फ भूरा यादव को भूमाफिया घोषित करते हुए एफ0आई0आर0 करने के भी निर्देश दिये। जिलाधिकारी ने कैलगुवां एव आसपास के गांवों में रुपसिंह उर्फ भूरे यादव की दबंग छवि एवं निर्बल व्यक्तियों की एवं सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जों के कारण व्याप्त भय तथा पूर्व में थाना बानपुर में रुपसिंह उर्फ भूरे यादव तनय सरमन यादव, राकेश उर्फ रक्खू तनय सरमन यादव, संतोष पुत्र सरमन यादव के खिलाफ पूर्व से दर्ज अनेक संगीन मामलों के सन्दर्भ में पुलिस अधीक्षक को संज्ञान लेकर कार्रवाई करने हेतु पत्र लिखने के भी निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने जांच में विलम्ब पर भी नाराजगी व्यक्त की तथा जांच में विलम्ब करने तथा जांच को गलत दिशा देने के लिए पूर्व डी0सी0 मनरेगा जयसिंह यादव के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिये साथ ही जांच में उदासीनता बरतने के लिए परियोजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 बलिराम वर्मा एवं वर्तमान डी0सी0 मनरेगा इन्द्रमणि त्रिपाठी से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिये।