इस आयोजन में सस्टेनेबल ग्रीन इनिशिएटिव, कोलकाता नामक स्वयं सहायता समूह द्वारा सहयोग किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा मदनपुर ग्राम के निवासियों को अमरूद, आंवला, सरीफा, नींबू, कटहल एवं अनार नामक फलदार पौधों का वितरण किया गया। इसके उपरान्त जिलाधिकारी द्वारा ओडी नदी पर बने चैकेडेम पर सरीफा, अमरुद, अकेशिया तथा कटहल नामक वृक्षों को रोपित किया गया, साथ ही पुलिस अधीक्षक द्वारा अमरुद, जिला सूचना अधिकारी द्वारा अर्जुन, जिला उद्यान अधिकारी द्वारा आंवला तथा खण्ड विकास अधिकारी मड़ावरा द्वारा भी अमरुद का पौधा रोपित किया गया। वहीं जिलाधिकारी ने वन विभाग के विश्राम गृह में आयोजित 51 हजार फलदार पौध रोपण महोत्सव कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान के संचालक वासुदेव द्वारा बताया गया कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य फलदार वृक्षों के वृक्षारोपण के साथ-साथ उनके उद्योग को प्रोत्साहन देना भी है। बुन्देलखण्ड में ललितपुर जनपद अन्य जनपदोें की अपेक्षा अत्यधिक हरित जनपद है। सौंदर्य की दृष्टि से यह जनपद अत्यधिक सुंदर एवं मनोभावक है। बताया गया कि जिलाधिकारी भावनात्मक रुप से अत्यन्त सकारात्मक दृष्टिकोण रखते हैं। इसी क्रम में सस्टेनेबल ग्रीन इनिशिएटिव, कोलकाता से राजमोहन द्वारा बताया गया कि वृक्ष प्रदूषण को अवशोषित करते हैं साथ ही हमें आॅक्सीजन भी प्रदान करते हैं।
क्या कहते हैं जिलाधिकारी-
जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कार्यालय में बैठकर कभी जिले का विकास नहीं होता, इसके लिए अधिकारी का क्षेत्र में जनसामान्य के बीच जाना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि क्षेत्र में जाकर ही हम जनपदवासियों की समस्याओं से रुबरु हो सकते हैं। हमारे पास मनरेगा एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम किसी भी प्रकार की क्षति को पूर्ण कर सकते हैं। नदियों में जो सिल्ट का जमाव हो रहा है उसे निकालने का कार्य मनरेगा के पैसे से ही किया जाना है। उन्होंने बताया कि नदी को सदानीरा बनाये रखने के लिए नदी के किनारे को पूर्ण रूप से वनाच्छादित किया जाना चाहिए। हरित वन क्षेत्र में ललितपुर जनपद बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों में समृद्ध है। इस नदी के जीवित रहने पर आप सभी के परिवार सुखी एवं सम्पन्न रहेंगे। मेरी आप सभी से विशेष अपील है कि सभी ग्रामवासी अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।
जिलाधिकारी ने अपने सम्बोधन में कहा कि कार्यालय में बैठकर कभी जिले का विकास नहीं होता, इसके लिए अधिकारी का क्षेत्र में जनसामान्य के बीच जाना अत्यन्त आवश्यक है। क्योंकि क्षेत्र में जाकर ही हम जनपदवासियों की समस्याओं से रुबरु हो सकते हैं। हमारे पास मनरेगा एक ऐसा माध्यम है, जिससे हम किसी भी प्रकार की क्षति को पूर्ण कर सकते हैं। नदियों में जो सिल्ट का जमाव हो रहा है उसे निकालने का कार्य मनरेगा के पैसे से ही किया जाना है। उन्होंने बताया कि नदी को सदानीरा बनाये रखने के लिए नदी के किनारे को पूर्ण रूप से वनाच्छादित किया जाना चाहिए। हरित वन क्षेत्र में ललितपुर जनपद बुन्देलखण्ड के समस्त जनपदों में समृद्ध है। इस नदी के जीवित रहने पर आप सभी के परिवार सुखी एवं सम्पन्न रहेंगे। मेरी आप सभी से विशेष अपील है कि सभी ग्रामवासी अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें।