इस अवसर पर ग्रामीण अपने बच्चों को लेकर पोलियो बूथ पर उन्हें दवा खिलाने के लिए लाए, जहां अधिकारी इस बीमारी को लगातार खत्म करने के लिए काम कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर ग्रामीणों को जागरूक भी कर रहे हैं कि बच्चों को समय से पोलियो ड्राप चलाएं जिससे यह बीमारी आगे ना बढ़े। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रताप सिंह ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि दिनांक 29 जनवरी 2018 से लेकर 02 फरवरी 2018 तक कुल 458 हाउस टू हाउस टीमें छूटे हुए बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने का काम करेंगी।
इस अभियान में 0-5 वर्ष तक के 2,09,572 बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाये जाने का लक्ष्य है, जिसके सापेक्ष ब्लॉक बार में 49 प्रतिशत, तालबेहट में 51 प्रतिशत, जखौरा में 49 प्रतिशत, बिरधा में 50 प्रतिशत, महरौनी में 49 प्रतिशत, मड़ावरा में 41 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र में 49 प्रतिशत बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाया जा चुका है।
जिलाधिकारी ने कहा – इस अवसर पर बोलते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि हमें यह कार्यक्रम तब तक चलाना है, जब तक की पूरे विश्व से पोलियो का सफाया नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि अगर एक भी बच्चा संक्रमित रह गया तो पुनः भारत में पोलियो को फैलने का खतरा बना रहेगा।
जिलाधिकारी ने दिए ये निर्देश- जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधान को निर्देशित किया कि वे पल्स पोलियो टीमों के साथ मिलकर प्रभावी तरीके से बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाया जाना सुनिश्चित करेंगे। गांव के बच्चों को घर से बुलाकर उन्हें ड्राफ्ट लगाएं या फिर बच्चो को घर ही ड्रॉप पिलवायें कोई बच्चा छूटना नहीं चाहिए । इस कार्यक्रम में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, प्रभारी चिकित्सा अधिकारी शहरी क्षेत्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, डी0एम0सी0 यूनीसेफ, एस0एम0ओ0 तथा ग्राम प्रधान उपस्थित थे।