बहुजन समाज पार्टी से बगावत कर भारतीय जनता पार्टी में आए पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा पहले ही बागी हो चुके हैं। वे पत्नी को बीजेपी से नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए टिकट नहीं मिलने के बाद निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पत्नी को मैदान में उतारकर भाजपा प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी की आपसी फूट नामांकन के दौरान तालबेहट, महरौनी व पाली नगर पंचायतों में भी साफ़ दिखाई दी जब कई स्थानीय नेता नामांकन जुलूस से गायब दिखे।
भारतीय जनता पार्टी में असंतुष्ट नेताओं की कमी नहीं है और यहां कुशवाहा समाज को साधना उसके लिए बड़ी चुनौती है। जातीय लिहाज से भी पार्टी के खिलाफ कई तरह के समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा में 32 दावेदारों ने टिकट के लिए आवेदन किया था जिनमें से 24 दावेदार सवर्ण थे लेकिन अनारक्षित सीट होने के बावजूद भाजपा ने पिछड़ा वर्ग पर दांव लगाया।