उसने अपने और अपने परिवार की पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई और साथ में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की। यह मामला जब मीडिया में उछाला गया तब पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल के संज्ञान में आया और उन्होंने इस मामले को तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेकर कानूनी कार्यवाही शुरु की। इस मामले की जब जांच की गई तो पता चला कि चुनावी पीरियड के दौरान थाना बानपुर के तत्कालीन एसओ निग्वेंद्र प्रताप सिंह ने इस पूरे काम को अंजाम दिया। पुलिस अधीक्षक ने पूरे मामले को संज्ञान में लेकर नरेंद्र प्रताप सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया तथा पीड़ित परिवार के परिजनों को सुरक्षा का भरोसा दिया।
यह था पूरा मामला- थाना बानपुर के अंतर्गत ग्राम कचनोंदा कला निवासी पप्पू पुत्र सुकन के 11 वर्षीय पुत्र जो कि कक्षा 5वीं का छात्र था और अपने घर पर रहता था। पुलिस ने उसे गुंडा एक्ट में पावन्द करने की कार्यवाही की थी। उसे धारा 110 के तहत नोटिस भी दिया गया था।
इनका कहना है :- जनपद के पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल का इस मामले में कहना है कि उन्होंने स्वीकार किया कि थाने स्तर से इस मामले में काफी बड़ी गलती हुई है जिसका वह सुधार करेंगे। उन्होंने स्वयं उस बच्चे के माता-पिता से मिलकर उन्हें न्याय और सुरक्षा का भरोसा दिलाया। उन्होंने स्वयं उस बच्चे के माता-पिता से मिल कर पूछा कि बच्चा अभी क्या करता है तब उसके पिता ने कहा कि बच्चा स्कूल की पढ़ाई छोड़ कर घर के कामकाज में हाथ बटा रहा है। तब उन्होंने बच्चे के पिता से उसे आगे पढ़ाने के लिए कहा तब बच्चे के पिता ने असमर्थता जाहिर करते हुए कहा कि बीच में एडमिशन कहां मिलेगा। उस पर पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल ने एक नई पहल करते हुए स्कूल प्रशासन से बच्चे के एडमिशन की बात की और उसे स्कूल में दाखिला दिलाया और उसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उस बच्चे की पढ़ाई में हर संभव मदद का वादा भी किया। उन्होंने कहा कि जब तक बच्चा पड़ेगा पुलिस प्रशासन उस बच्चे की मदद करता रहेगा पैसे के अभाव में उसकी पढ़ाई बाधित नहीं होगी।
पुलिस अधीक्षक सलमान ताज पाटिल की इस पहल का सभी ने भव्य स्वागत किया और उनके इस कदम की चारों ओर सराहना हो रही है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि वह इस मामले में कहीं ना कहीं उस बच्चे की मदद कर उसकी भरपाई कर रहे हैं।