ललितपुर में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला। आलम ऐसा था कि आज के बाद शायद जरूरत का कोई सामान मिलने की कोई संभावना न हो। जबकि इस ऐलान में जरूरत की सभी चीजों की आपूर्ति की बात भी कही गई फिर भी प्रधानमंत्री की पूरी बात ना सुनते हुए लोगों ने बाजारों की ओर दौड़ लगाई और सामान खरीदने की होड़ मच गई। मेडिकल स्टोर किराना के सामान की दुकानों दूध की दुकानों एवं सब्जी मार्केट में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। मेडिकल की दुकानों पर तो ऐसे भीड़ लगी थी जैसे लोगों को उनकी बहुत जरूरी दवाई कल मिलेगी ही नहीं और इस आपाधापी में दवाई लेने वाले लोग यह भूल गए कि अगर गलती से गलत दवाई उनके हाथों में चली गई तो परिणाम बिल्कुल उल्टा हो सकता है। रात 10:00 बजे के आसपास आलम यह था कि दुकानदार ग्राहकों को अपनी दुकान से भगा रहे थे और ग्राहक दुकानों पर ऐसे अड़े थे जैसे कि इसके बाद वह सामान उन्हें मिलेगा ही नहीं। लोगों ने जरूरत से अधिक सामान खरीद कर अपने घर पर रख लिया जिससे उन लोगों को मुश्किलें खड़ी हो गई जिनको सामान दुकानों पर स्टॉक खत्म होने के बाद नहीं मिल सका।
बाजार में उपलब्ध रहेगा सामान :- इस बात की सूचना जब जिला प्रशासन को मिली तब जिला प्रशासन द्वारा जनहित में एक अनाउंसमेंट कराया गया जिसमें कहा गया कि लोग परेशान ना हो उनकी जरूरत के हिसाब से सामान उनको बाजारों में उपलब्ध होगा। सिर्फ घर से बाहर निकलने पर उन लोगों को बैन है जिनको कोई काम नहीं है और सड़कों पर इधर से उधर बेकार में टहलते रहते हैं।