यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार साबुन से हाथ धोने से विशेष रूप से मलमूत्र के संपर्क के बाद दस्त से बीमारियों को 40 प्रतिशत से अधिक और श्वसन संक्रमण में 30 प्रतिशत की कमी हो सकती हैं।
पब्लिक हेल्थ एसोशिएसन के अनुसार भारत में 53 प्रतिशत आबादी शौचालय के बाद साबुन से हाथ धोती है, वही 38 प्रतिशत खाने से पहले साबुन से हाथ धोती है और भोजन तैयार करने से पहले केवल 30 फीसदी साबुन से हाथ धोती हैं। हाथ धोने की प्रक्रिया को अधिकांश लोग अभी भी गंभीरता से नहीं लेते है, खासतौर से बच्चों के मामले में जिसकी वजह से आये दिन बच्चे डायरिया और निमोनिया जैसी बीमारियों के शिकार होते हैं।
इसके अलावा बच्चे भी खेल के दौरान अपने हाथों एवं खिलौनों को प्रदूषित मिट्टी से गंदा कर लेते हैं और कीटाणुओं के संपर्क में आते हैं, तो वह जाने-अनजाने ही उससे संक्रमित हो जाते हैं। वह उन हाथों से कभी आँखों, कभी नाक और मुंह को छूते हैं। इससे कीटाणु उनके शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और प्रतिरोधक क्षमता कम होने की वजह से वह जल्दी बीमार भी पड़ जाते हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव हेतु लोगों में हाथ धोने के प्रति जागरूकता लाना बहुत जरूरी है, ताकि बच्चों को इन बीमारियों से होने वाली मृत्यु में कमी लायी जा सकें।
जिला महिला अस्पताल की डॉक्टर गीतांजली, प्रसूति विशेषज्ञ ने बताया कि संक्रमणों से बचाव के लिए हाथ धोना बहुत आवश्यक होता है, खासतौर से जब किसी मरीज को छूने से पहले हाथ धोना चाहिए, ताकि मरीज को कीटाणुओं से होने वाले संक्रमण से बचाया जा सकें। इसके अलावा उन्होने बताया कि नवजात बच्चों को छूने से पहले हाथ धोना सबसे जरूरी होता है, क्योंकि थोड़े से संक्रमण से बच्चे जल्दी बीमार पड़ जाते हैं, वही बच्चे भी गंदे हाथों से जब आँख, नाक, मुंह को छूटे है तो संक्रमण होने की ज्यादा संभावना बढ़ जाती हैं। ऐसे में हाथ धोकर होने वाले इन संक्रमणों से बचा जा सकता हैं। उन्होने बताया कि वैसे तो हाथ दो तरीको से धोया जाता है, जिसमें एक सामान्य मरीज को छूने से पहले हाथों को साबुन से 6 तरीको से 3 मिनट तक तथा दूसरा ऑपरेशन करने से पहले 8 तरीकों से साबुन से धोना चाहिए, ताकि संक्रमण से होने वाली बीमारियों से मरीजों को बचाया जा सकें।
भारत सरकार द्वारा भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता के अंतर्गत हाथ धोने के मामले पर विशेष बल दिया जा रहा है, ताकि बच्चों को रोगाणुओं से होने वाले कई संक्रमणों से बचाया जा सके और उनके मृत्यु दर में कमी ला सकें। इसके अलावा हाथ धोने के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक स्तर पर भी हर साल 15 अक्टूबर को हैंडवॉशिंग दिवस मनाया जाता हैं।
हाथ न धोने से होने वाली बीमारियाँ- हाथ न धोने के कारण विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो सकती हैं, जो निम्न प्रकार से हैं।
• दस्त
• टाइफाइड
• निमोनिया
• पेट संबंधी रोग
• पीलिया
• आँख की बीमारी
• हैजा
• त्वचा संबंधी रोग आदि।
कीटाणुओं से बचने के लिए करे बचाव- हाथ धोने की महत्ता को नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, क्योंकि हाथों की सफाई पर लगाए गए कुछ समय बहुत सी बीमारियों से बचाता है, उसके लिए हमें ध्यान रखना होगा की हाथ धोना कब-कब जरूरी होता हैं।
• शौच के बाद हाथ धोना बहुत जरूरी होता हैं।
• खाना बनाने व खाने से पहले भी हाथ धोना आवश्यक होता हैं।
• घर की साफ-सफाई करने के बाद हाथ अवश्य धोये।
• पालतू जानवरों से खेलने के बाद।
• किसी बीमार व्यक्ति से मिलकर आने के बाद।
• छिंक या खांसी के बाद।
• खेलने व बागवानी के बाद।