खेतों में जमा पानी, पौधे और फलियां सड़कर खराब ललितपुर से किसान राकेश का कहना है कि उड़द और मूंग की फसल को 80 फीसदी से अधिक का नुकसान हो गया। बारिश से खेतों में पानी पड़ गया जिससे कि पौधे और फलियां सड़कर खराब हो गए। फसल नष्ट होने से किसानों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। वहीं कर्ज चुकाने की चिंता भी सताने लगी है। इतना ही नहीं इससे रबी की फसल की बुवाई भी प्रभावित हुई है।
राकेश की ही तरह लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र से विपिन भी परेशान हैं। बख्शी का तालाब विधानसभा क्षेत्र के इस इलाके में सैकड़ों किसान केले की खेती करते हैं, जिनमें ज्यादातर का नुकसान हुआ है। विपिन के मुताबिक उन्होंने फसल बीमा नहीं कराया था। प्रीमियम बहुत महंगा होने के कारण अधिकतर किसान फसल का बीमा नहीं कराते हैं।
धान, केला, गोभी, तुलसी की फसलों को नुकसान लखनऊ के पड़ोसी जिला बाराबंकी में धान, केला, गोभी, तुलसी की फसलों को नुकसान पहुंचा है। बाराबंकी की फतेहपुर तहसील के गोडियनपुरवा गांव के बुजुर्ग किसान पंचतीर्थ ने कहा कि ये लगातार तीसरा साल है जब बारिश से फसलों को नुकसान हो रहा है। अबकी धान की तैयार फसल खराब हुई है, इससे पहले मेंथा की बर्बाद हुई जबकि तरबूज में उन्हें भारी नुकसान हुआ था। इससे किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया लोन चुकाने में परेशानी हो सकती है। कई ऐसे क्षेत्र थे जहां घुटनों तक पानी भर आया था। पानी निकालने का कोई रास्ता नहीं था जिससे फसलें भारी मात्रा में बर्बाद हो गईं।
सब्जियों की खेती को सबसे ज्यादा नुकसान, सीएम ने मांगी रिपोर्ट प्रदेश में करीब 60 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है, जबकि करीब 12 लाख हेक्टेयर में फल-सब्जियों की खेती होती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों को नुकसान का आंकलन कर रिपोर्ट मांगी है। 17 सितंबर को लखनऊ में अतिवृष्टि की समीक्षा करते हुए सीएम ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल नियमानुसार आर्थिक सहायता दी जाए।