यह है पूरा मामला ग्राम मेलवारा कला निवासी प्रभु पुत्र श्याम लाल कुशवाहा में यह प्रार्थना पत्र देकर अवगत कराया कि उसका दो माह का बेटा पूरी तरह स्वास्थ्य था । उसके गांव में आंगनवाड़ी केंद्र पर टीकाकरण चल रहा था और उसे दो माह के बेटे को टीका लगवाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र पर बुलाया गया था । वहां पर उसके पुत्र को एएनएम रंजना नामदेव तथा कार्यकत्री आशा और माया मिलकर टीका लगाया टीकाकरण के बाद उन्होंने बताया कि बच्चे को बुखार आएगा मगर किसी तरह की कोई दवाई नहीं देनी है । टीकाकरण के बाद वह अपने पुत्र को लेकर अपने घर चला गया उसके करीब चार-पांच घंटे बाद उसके पुत्र को तेज बुखार आया जिस के संबंध में उसने गांव की आशा से संपर्क किया आसा ने एएनएम से फोन पर बात की।
उसने कह दिया कि बुखार तो आता ही है कोई दवाई देने की जरूरत नहीं है मगर रात्रि में बुखार के कारण उसकी मौत हो गई । परिजनों ने ए एन एम आशा पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है ।
पिता का कहना है इस मामले में मृतक मासूम के पिता प्रभु का कहना है कि हमारे गांव में जो टीकाकरण हो रहा है उसमें एक ही सिलिंज से कई बच्चों को टीके लगाए जा रहे हैं । जिससे इन्फेक्शन होने का डर बना रहता है हमारे बेटे को भी उसी सीलिंग से इंजेक्शन लगाया गया जिसके बाद उसे बुखार आया। जब हमने जाकर आशा से संपर्क किया तो उसने कह दिया कि बुखार आता है मगर कोई दवाई देने की जरूरत नहीं है और उसके बाद रात को हमारे बेटे की मौत हो गई जिस के संबंध में हमने जिला अधिकारी एवम कोतवाली पुलिस को एक प्रार्थना पत्र भी दिया है ।
अब सवाल यह पैदा होता है कि जहां एक ओर सरकार मिशन इंद्रधनुष चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को टीकाकरण का लाभ देने में लगी है तो वहीं दूसरी ओर इसी मिशन के तहत काम कर रहे कर्मचारियों द्वारा लापरवाही बरतने के मामले सामने आ रहे हैं । अब देखने वाली बात यह होगी कि लापरवाही बरतने वाले इन कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस और प्रशासन क्या कार्यवाही अमल में लाते हैं।