मोतियाबिंद के 80 फीसदी मरीज
डॉक्टर जेएस बख्शी, नोडल आफिसर ने बताया कि मोतियाबिंद बढ़ती हुई उम्र की एक समस्या है। ज्यादातर इस बीमारी का शिकार 45 की उम्र या उसके बाद लोग होते हैं। उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में यदि अंधता निवारण के 100 मरीज आते हैं तो उनमें लगभग 80 प्रतिशत मरीजों में मोतियाबिंद की समस्या पायी जाती है।
डॉक्टर जेएस बख्शी ने बताया कि ग्रामीण स्तर पर यह समस्या सबसे ज्यादा देखने को मिलती है। लोगों को पता ही नहीं चलता कि वह मोतियाबिंद से ग्रसित हैं। उन्होंने बताया कि 40 साल के बाद यदि किसी व्यक्ति की नजर कम होती है तो उसे तुरंत चिकित्सक को दिखाना चाहिए। इससे सही समय पर मोतियाबिंद की ऑपरेशन कर अंधापन से बचा जा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा मिले आकड़ों के अनुसार, जिले में वर्ष 2015-16 में लगभग 5,894, वर्ष 2016-17 में 4,705 मरीज और वर्ष 2017-18 में लगभग 4,360 मरीज मोतियाबिंद से ग्रसित थे। इससे यह पता चलता है कि मोतियाबिंद के मरीजों में कमी आ रही है, लेकिन अभी भी बहुत से लोग इसके प्रति जागरूक नहीं हैं।
मोतियाबिंद बढ़ती उम्र के साथ आंखों में होने वाली सामान्य समस्या है। 40 पार लोगों के आंखों की मांसपेशियां कमजोर होती जाती हैं। आंखों का लचीलापन भी कम हो जाता है। परिणाम स्वरूप व्यक्ति के देखने की क्षमता कम हो जाती है। उसे धुंधला दिखाई देने लगता है। मोतियाबिंद के लक्षण बहुत ही मामूली होते हैं। धुंधली या अस्पष्ट दृष्टि। रोशनी के चारों ओर गोल घेरा सा दिखना। रात के वक्त कम दिखाई देना। हर वक्त दोहरा (डबल इमेज) दिखाई देना। हर रंग का फीका दिखना आदि इसके कई अहम लक्षण हैं।
वैसे तो मोतियाबिंद होने के कई कारण हैं। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। डॉक्टर जेएस बख्शी ने बताया कि व्यक्ति में मोतियाबिंद होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें हैं बढ़ती उम्र। अधिक देर तक सूर्य की रोशनी आंखों पर पड़ना। आंख में चोट लगना। डायबिटीज (मधुमेह) आदि।
मोतियाबिंद से बचने के लिए लोगों को अपनी आंखों का नियमित परीक्षण करवाना चाहिए। विशेष रूप से वृद्धावस्था में आंखों के प्रति अधिक सचेत रहना चाहिए। अधिक मोटापे के कारण टाइप-2 डायबिटीज़ होने की समस्या अधिक होती है। इससे मोतियाबिंद होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए अपने शरीर के वजन को नियंत्रित रखे और डायबिटीज़ को भी कंट्रोल में रखें। घर से बाहर निकलने से पहले धूप या अल्ट्रा वायलेट रेडिएशन से बचने के लिए चश्मा जरूर पहनें।