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ललितपुर में 4 लाख बच्चों का हुआ सफल एमआर टीकाकरण

locationललितपुरPublished: Feb 17, 2019 11:50:12 am

Submitted by:

Karishma Lalwani

खसरा और रूबेला अभियान को खत्म करने के साक्षेप में 4 लाख 62 हजार से अधिक बच्चों का टीकाकरण कर 99.11 फीसदी की उपलब्धि जनपद ने हासिल की

टीकाकरण

टीकाकरण

ललितपुर. खसरा और रूबेला जैसी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए जनपद में 26 नवम्बर से बड़े पैमाने पर एमआर टीकाकरण अभियान चलाया गया। इस अभियान के दौरान जिले में 9 माह से 15 वर्ष के लगभग 4 लाख 69 हजार बच्चों को एमआर का टीका लगाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष में 14 फरवरी तक लगभग 4 लाख 62 हजार से अधिक बच्चों का सफल टीकाकरण कर 99.11 फीसदी की उपलब्धि जनपद ने हासिल की है।
लक्ष्य प्राप्त कर अभियान को सफल बनाया गया

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. हुसैन खान ने बताया कि खसरा व रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों से बच्चों को बचाने के लिए एमआर अभियान को जनपद में चलाया गया। इस अभियान में जिले को 100 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया था, जिसके सापेक्ष लगभग 99.11 फीसदी बच्चों को टीका लगाकर अभियान को सफल बनाया गया। उन्होंने बताया कि इस अभियान के दौरान जनपद के लगभग 2428 स्कूलों में एमआर अभियान को चलाकर सफलता हासिल की गयी है। जिले के शहरी क्षेत्र में लक्षित लगभग 48091 बच्चों के सापेक्ष में 50,130 बच्चों का टीकाकरण कर यह लगभग 104.24 फीसदी के साथ जनपद में सबसे आगे रहा। वहीं ब्लॉक स्तर पर तालबेहट ब्लॉक में लक्षित लगभग 72220 बच्चों के सापेक्ष में लगभग 71898 बच्चों का टीकाकरण कर 99.55 फीसदी की उपलब्धि हासिल की। बिरधा ब्लॉक ने 77,692 के सापेक्ष लगभग 77,071 बच्चों का टीकाकरण कर 99.20 फीसदी, मड़ावरा ब्लॉक ने लगभग 57,517 के सापेक्ष में लगभग 56,652 बच्चों का टीकाकरण कर 98.50 फीसदी, महरौनी ब्लॉक ने लगभग 66040 के सापेक्ष 64936 बच्चों का टीकाकरण कर 98.33 फीसदी, बार ब्लॉक ने लगभग 62110 के सापेक्ष लगभग 61059 बच्चों का टीकाकरण कर 98.31 फीसदी एवं जखौरा ने लगभग 83418 के सापेक्ष लगभग 81168 बच्चों का टीकाकरण कर 97.30 फीसदी की उपलब्धि प्राप्त की है।
डॉ. हुसैन ने बताया है कि एमआर अभियान को सफल बनाने के लिए सभी नोडल अधिकारियों, शिक्षक, आंगनबाड़ी, आशा, एएनएम आदि को प्रशिक्षित कर माइक्रोप्लान बना कर सत्र चलाये गए। इसमे सभी की सहभागिता सुनिश्चित की गयी और सभी के प्रयासों से जनपद में एमआर अभियान को सफल बनाया गया। उन्होंने बताया कि जो बच्चे इस अभियान के दौरान किसी कारणवश बाहर चले गए और उनका टीकाकरण नहीं हो पाया, उन बच्चों को एमआर का टीका नियमित टीकाकरण के दौरान लगाया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा इन दोनों बीमारियों से ग्रसित न हों सके।
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