जिसके बाद से संभावित प्रत्याशी ने बड़े नेताओं की चौखट पर परिक्रमा तेज कर दी है। 15 साल पहले ललितपुर नगर पलिका में भगवा का परचम लहराया था, लेकिन पिछले 10 वर्षों से इस सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी काबिज हैं। सियासी सरगर्मी बढ़ने के बीच इस बार चर्चा है कि इस सीट पर अखिलेश की साइकिल भी फर्राटा भर सकती है।
वहीं निर्वाचन आयोग ने निर्वाचन संबंधी तैयारियां तेज कर दी है। जनपद के अधिकारियों की नजर अब निकाय चुनाव पर है निकाय चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना शासन और प्रशासन की प्राथमिकता में शामिल है।
जनपद के इतिहास में पहली बार कोई महिला नगर पालिका अध्यक्ष पद पर बैठेगी। जिसको लेकर रस्साकशी जारी है। आजकल सत्तारुढ़ दल की तरफ से टिकट लेने की होड़ लगी हुई है। मैदान में कुछ ऐसे प्रत्याशी भी हैं जो पूर्व में विधायक जैसे पदों पर चुनाव लड़ चुके हैं और हो सकता है कि पूर्व विधायक भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमाएं। हालांकि निकाय चुनाव को लेकर जहां एक और चुनाव लड़ने वालों में रस्साकशी का माहौल देखा जा रहा है वहीं पर उनके भाग्य का फैसला करने वाले मतदाताओं में भी कानाफूसी होने लगी है ।
अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की स्थिति भी स्पष्ट हो जाएगी और स्थिति स्पष्ट होने से मतदाताओं का रुख भी थोड़ा बहुत समझ में आएगा । जहां एक ओर चुनावी दंगल में किस्मत आजमाने वाले संभावित प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ने के लिए कमर कस ली है तो वही चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराने के लिए निर्वाचन आयोग तैयार है।
अभी तक नहीं किया किसी पार्टी ने अपना प्रत्याशी घोषित
नगर पालिका परिषद के चुनाव में सभी पार्टियां दमखम आजमाने में जुट गई है और पार्टियों में आवेदन भी आए हैं, लगभग सभी पार्टियां अध्यक्ष और पार्षदों के पदों पर अपने-अपने प्रत्याशियों उतारने की बात कह रही है। मगर अभी तक किसी भी राजनीतिक पार्टी ने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। हां मगर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है । अभी तक कांग्रेस पार्टी में 6 महिला अध्यक्ष प्रत्याशियों के आवेदन प्राप्त हुए हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी में भी 6 अध्यक्ष पद के लिए आवेदन ही प्राप्त हुए है । भारतीय जनता पार्टी में अब तक 24 और बहुजन समाज पार्टी में अभी भी आवेदन लिए जा रहे हैं।