नवरात्र के दिनों में महिलाएं सुबह तड़के अंधेरे से ही माता रानी का जलाभिषेक करने के लिए निकलती है। लेकिन कल सुबह से ही भीषण पानी गिर रहा है लेकिन विपरीत मौसम के बाद भी घनघोर पानी गिरते रहने के बावजूद माता रानी के भक्तों की आस्था बारिश डिगा नहीं पाई। गुरुवार सुबह से ही लगातार देवी मंदिरों पर महिलाओं बच्चों की भारी भीड़ जलाभिषेक करने को पहुंच रही है।
शहर के अति प्रतिष्ठित सुमेरा तालाब पर स्थित छोटी माता मंदिर पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। दो दिनों से जनपद में हो रही लगातार बारिश लोगों का मानना है कि माता रानी की कृपा बरसात के रूप में आकर तमाम बीमारियों का नाश कर रही है , तो वही सूबे के किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है क्योंकि जनपद में पानी ना बरसने के कारण फसलें खराब हो गई थी तथा सूखे जैसे हालात उत्पन्न हो गए थे । मगर नवरात्रि शुरू होते ही जनपद में बरसात शुरू हो गई। जिससे किसानों के चेहरों पर रौनक लौट आई है। अब उन्हें लगने लगा है कि आगामी फसल के लिए यह पानी बहुत लाभदायक सिद्ध होगा।
भारी बारिस भी नहीं डिगा पाई श्रद्धालुओं के हौसले को जब से नवरात्रि की शुरुआत हुई है तभी से जनपद में भारी बरसात हो रही है लेकिन यह भारी बरसात भी श्रद्धालुओं का हौसला डगमगा नहीं पाई है। भरी बरसात में भी माताओं के मंदिर में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ देखने को मिल रही है। खासकर महिलाएं और किशोरियां अपनी माता रानी का जलाभिषेक करने के लिए बरसते हुए पानी में मंदिरों में आ रही हैं और श्रद्धा के साथ माता की आरती कर पूजा अर्चना कर रही है।
जगह-जगह सजे माता के दरबार नवरात्रि शुरू होते ही मातारानी के दरबार जगह-जगह सज गए है। भक्तों ने टेंट लगाकर वाटर प्रूफ पंडाल बनाए हैं जिनमें माता रानी की मूर्ति को विराजमान किया है। वहां पर भी भक्तों का मेला लगा हुआ है। शहर में कई जगहों पर मां के भक्तों ने टेंट लगाकर वाटर प्रुफ पंडाल बनाए हैं। जिनमें माता रानी की मूर्ति खूब सज रहीं है। तथा पर बड़े-बड़े पंडाल लगाकर माता रानी की मूर्तियों को विराजमान किया गया है तो वही ग्रामीण क्षेत्रों में भी माता रानी का जलवा देखने को मिल रहा है। भरी बरसात में भी माता रानी के भक्तों के हौसले काफी बुलन्द है ।